भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गीतावली सुन्दरकाण्ड पद 1 से 10 तक/पृष्ठ 3

Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:54, 8 जून 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तुलसीदास |संग्रह= गीतावली/ तुलसीदास }} {{KKCatKavita}} [[Category…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


(3)

राग सोरठ

बोलि, बलि, मूँदरी सानुज कुसल कोसलपालु |
अमिय-बचन सुनाइ मेटहि बिरह-ज्वाला-जालु ||

कहत हित अपमान मैं कियो, होत हिय सोइ सालु |
रोष छमि सुधि करत कबहू ललित लछिमन लालु ||

परसपर पति-देवरहि का होति चरचा चालु |
देवि कहु केहि हेत बोले बिपुल बानर-भालु ||

सीलनिधि समरथ सुसाहिब दीनबन्धु दयालु |
दास तुलसी प्रभुहि काहु न कह्यो मेरो हालु ||