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सिराज अजमली
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सिराज अजमली
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जन्म | |
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कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
सिराज अजमली / परिचय |
ग़ज़लें
- ब-ज़ाहिर जो नज़र आते हो तुम मसरूर ऐसा कैसे करते हो / सिराज अजमली
- झुका के सर को चलना जिस जगह का क़ाएदा था / सिराज अजमली
- क्या दास्ताँ थी पहले बयाँ ही नहीं हुई / सिराज अजमली
- क्या सोचते रहते हो तस्वीर बना कर के / सिराज अजमली
- मरहले सख़्त बहुत पेश-ए-नज़र भी आए / सिराज अजमली
- फिर सूरज ने शहर पे अपने क़हर का यूँ आगाज़ किया / सिराज अजमली
- समंदरों में सराब और ख़ुश्कियों में गिर्दाब देखता है / सिराज अजमली
- वीराँ बहुत है ख़्वाब-महल जागते रहो / सिराज अजमली
- ये तग़य्युर रू-नुमा हो जाएगा सोचा न था / सिराज अजमली