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जेकरोॅ साथ खेवैया छै / नन्दलाल यादव 'सारस्वत'
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जेकरोॅ साथ खेवैया छै
ऊ आगू चलवैया छै।
जेकरा दू नम्बर के पैसा
ओकरोॅ ता-ता, थैया छै।
जहाँ दूध या दही जमैलोॅ
बैठली वहीं बिलैया छै।
जेकरा मोह नै माया कुछुवो
सचमुच में ऊ दैया छै।
आग बुझावै वाला कोय नै
आग केॅ सौ लगवैया छै।