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अचल अमल अज अनघ अचर / हनुमानप्रसाद पोद्दार
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(राग मारू-ताल धमार)
अचल अमल अज अनघ अचर-चर अजगव-धर हर।
अकल सकल खल-दमन शमन-यम-भय शशधर-धर॥
अखय अटल तन विमल अतन गणधर अजगर-धर।
भव-भय-हर अघ-हरण अभय-कर भज भव हर-हर॥