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आदिदेव, आदित्य, दिवाकर / हनुमानप्रसाद पोद्दार

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(राग सिंदूरा-ताल मूल)

आदिदेव, आदित्य, दिवाकर, विभु, तमिस्रहर।
 तपन, भानु, भास्कर, ज्योतिर्मय, विष्णु, विभाकर॥
 शंख-चक्रञ्धर, रत्नहार-केञ्यूर-मुकुटधर।
 लोकचक्षु, लोकेश, दुःख-दारिद्र्‌य-कष्टस्न्हर॥
 सविता देव अनादि सृष्टि जीवन पालनपर।
 पाप-तापहर, मंगलकर, मंगल-विग्रह-वर॥
 महातेज, मार्तण्ड, मनोहर, महारोगहर।
 जयति सूर्य नारायण, जय जय सर्व सुखाकर॥