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शंकरलाल द्विवेदी
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शंकरलाल द्विवेदी
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जन्म | 21 जुलाई 1941 |
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निधन | 27 जुलाई 1981 |
उपनाम | शंकर |
जन्म स्थान | ग्राम- बारौली, जनपद- अलीगढ़, उत्तर प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
अन्ततः | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
शंकरलाल द्विवेदी / परिचय |
विषय सूची
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- मुझको आवारा कहता है / शंकरलाल द्विवेदी
- ताजमहल / शंकरलाल द्विवेदी
- हम-तुम एक डाल के पंछी / शंकरलाल द्विवेदी
अन्ततः
हम-तुम एक डाल के पंछी (गीत-संग्रह)
- सरस्वती-वंदना / शंकरलाल द्विवेदी
- हम-तुम एक डाल के पंछी / शंकरलाल द्विवेदी
- व्यामोह जीवन के लिए / शंकरलाल द्विवेदी
- प्रणय का आह्वान / शंकरलाल द्विवेदी
- प्राण हैं आज से टूटने के लिए / शंकरलाल द्विवेदी
- तेरी पाती के संबोधन / शंकरलाल द्विवेदी
- एक आवाज़ देना मुझे / शंकरलाल द्विवेदी
- सहज गीत गाना होता तो* / शंकरलाल द्विवेदी
- तुम मुझसे यों मिलीं / शंकरलाल द्विवेदी
- मुझको आवारा कहता है / शंकरलाल द्विवेदी
- ग़ैरों से बारम्बार न जा कर मिला करे / शंकरलाल द्विवेदी
- अधिकार तुम्हारा / शंकरलाल द्विवेदी
- कल फिर आना इस टीले पर / शंकरलाल द्विवेदी
वतन तुम्हारे साथ है (देशभक्ति के पावन गीत)
- सरस्वती-वंदना / शंकरलाल द्विवेदी
- ललकार का स्वागत (मुक्तक) / शंकरलाल द्विवेदी
- वतन तुम्हारे साथ है / शंकरलाल द्विवेदी
- युद्ध, केवल युद्ध / शंकरलाल द्विवेदी
- तुम काश्मीर के लिए न शम्सीरें तानो / शंकरलाल द्विवेदी
- माँ के लिए मिटा मेरा तन (मुक्तक) / शंकरलाल द्विवेदी
- देश की माँटी नमन स्वीकार कर / शंकरलाल द्विवेदी
- शीष कटते हैं, कभी झुकते नहीं / शंकरलाल द्विवेदी
- मुर्दा श्वाँस जिया करती हैं / शंकरलाल द्विवेदी
- इस तिरंगे को कभी झुकने न दोगे / शंकरलाल द्विवेदी
- अजेय कीर्तिस्तंभ (डोगराई विजय) / शंकरलाल द्विवेदी
- जागो भारतवासी (मुक्तक) / शंकरलाल द्विवेदी
- विश्व-गुरु के अकिंचन शिष्यत्व पर / शंकरलाल द्विवेदी
- ग्रीष्म-कालीन शुक्ल-पक्ष और कैलास / शंकरलाल द्विवेदी
- गाँधी-आश्रम / शंकरलाल द्विवेदी
- ताजमहल / शंकरलाल द्विवेदी
- विधवा / शंकरलाल द्विवेदी
- मातृ-भू का ऋण (मुक्तक) / शंकरलाल द्विवेदी
- शिव-शंकर तुझे पुकारे / शंकरलाल द्विवेदी
- प्राणों से प्रिय जिन्हें वतन / शंकरलाल द्विवेदी
- सत्य की हत्या / शंकरलाल द्विवेदी
- ध्वजों तक पहुँच न पाए हाथ / शंकरलाल द्विवेदी
- माथे की बिंदी है हिंदी / शंकरलाल द्विवेदी
- जय जन्मभूमि बोली / शंकरलाल द्विवेदी
- टीका करो, लो रक्त का / शंकरलाल द्विवेदी
- धुआँ ही धुआँ / शंकरलाल द्विवेदी
- धुआँ भर गया चन्दन वन में / शंकरलाल द्विवेदी
- निठुर घन से / शंकरलाल द्विवेदी
- मैं सचाई का लिए आधार जो हूँ / शंकरलाल द्विवेदी
- जवान गीत का खून / शंकरलाल द्विवेदी
- युवक तू सोया हुआ है / शंकरलाल द्विवेदी
- पाती अनुप्रासों की रूपकों के नाम / शंकरलाल द्विवेदी
- खोजने होंगे हमें सत्वर / शंकरलाल द्विवेदी
प्यार पनघटों को दे दूँगा (काव्य-संग्रह)
- प्यार पनघटों को दे दूँगा / शंकरलाल द्विवेदी
- अब उठो क्रांति के लिए कमर कसनी है / शंकरलाल द्विवेदी
- अभी समय है, आसमान से धरती पर आ जाओ / शंकरलाल द्विवेदी
- तब कोई जय 'शंकर'... / शंकरलाल द्विवेदी
- गंगा-स्नान / शंकरलाल द्विवेदी
- तुम महावीर थे, सही अर्थ में महावीर / शंकरलाल द्विवेदी
- उद्गार / शंकरलाल द्विवेदी
- आधुनिक कवियों के नाम 'तुलसी' की पाती / शंकरलाल द्विवेदी
- हेमंती संध्या और गाँव / शंकरलाल द्विवेदी
- मेरी उमर तुम्हें लग जाती / शंकरलाल द्विवेदी
- जीवन-वीणा के तार / शंकरलाल द्विवेदी
- ज़िन्दगी चिंताओं में हवन हुई / शंकरलाल द्विवेदी