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शकुंतला तरार
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शकुंतला तरार
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जीवन परिचय | |
शकुंतला तरार / परिचय |
प्रतिनिधि रचनाएँ
- धरती दाई गाँव के माटी / शकुंतला तरार
- मन मोर गावे दीदी तपत कुरू, तपत कुरू / शकुंतला तरार
- पढ़े बर चल दीदी / शकुंतला तरार
- मोर गाँव मा संगी बसंत ह आगे / शकुंतला तरार
- नवा बछर आगे / शकुंतला तरार
- रूख राई ला लगावो भईया / शकुंतला तरार
- हेल्लाहेल्ला पाके / शकुंतला तरार
- झिमिर झिमिर झिमी बरसे बदरिया / शकुंतला तरार
- तरी हरी नाना मोर नहा / शकुंतला तरार
- धरती दाई महतारी / शकुंतला तरार
- सावन के बरखा लाये हो / शकुंतला तरार
- कारीकारी कोयली के गुरतुर हे बानी / शकुंतला तरार
- दयामया गोठियालव / शकुंतला तरार
- मन के कुंदरा मा आजा रे संगवारी / शकुंतला तरार
- लीम के छईहाँ मा चंदा के बारी मा / शकुंतला तरार
- छाए हे गगन मा घटा घनघोर / शकुंतला तरार
- मोर सपना के गाँव / शकुंतला तरार
- बन्दौं छत्तीसगढ़ मईया मईया / शकुंतला तरार
- मितान / शकुंतला तरार
- तारासीरा पाठी क पीठा / शकुंतला तरार