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अंधेरे का तर्क / प्रताप सहगल

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अंधेरे के पास भी
अपना एक तर्क होता है
अंधेरे का तर्क
तारकोल-सा चिपक जाता है
मन की सड़क पर
फिर सपाट दुनिया
चिपका देता है
और चिपका देता है
अंधी नियॉन लाइट्स
आदमी की आंखों पर

बैल की तरह जुता
घोड़े की तरह सधा
कुत्ते की तरह बंधा
आदमी
कभी भी नहीं जान पाता
अंधेरे का तर्क।
जोंक-सा चिपका
अंधेरे का तर्क
खा जाता है आदमी।