नीचे दिये हुए पृष्ठ आंखों में आसमान / ज्ञान प्रकाश विवेक से जुडते हैं:
देखें (पिछले 20 | अगले 20) (20 | 50 | 100 | 250 | 500)- ज़मीं पे रहने लगा है जो आसमाँ बन कर / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- ऐ ज़िन्दगी मुझे तू ज़रा आज़मा के देख / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- दर्द के भोज में जब हमने सजाए आँसू / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- तुम अपने घर में उजालों को लाज़िमी रखना / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- माँ जैसा वो चेहरा ले कर आता था / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- मन का सोया हुआ विश्वास जगाना होगा / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- इस लिए हम लोग घबराने लगे हैं / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- वो चाँदनी है, धूप है या आफ़ताब है / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- कर्ज़ की बातें लिखी थीं डायरी की दरमियाँ / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- पत्थर उठा के झील में वो फेंकता रहा / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- अजीब किस्म का अहसास दे गया मुझको / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- पलकों से चाँदनी की किरचें उठा रहा हूँ / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- कभी दीवार कभी दर की बात करता था / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- दोस्ती में अदावत का डर दोस्तो / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- पतंग उसने उठाई है इस उठान के साथ / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)