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धूप भरकर मुट्ठियों में / मनोज जैन 'मधुर'
Kavita Kosh से
धूप भरकर मुट्ठियों में
रचनाकार | मनोज जैन 'मधुर' |
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प्रकाशक | निहितार्थ प्रकाशन, साहिबाबाद, गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश |
वर्ष | 2021 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | नवगीत |
पृष्ठ | 120 |
ISBN | 978-93-84778-04-0 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- मनोज जैन ’मधुर’ के नवगीतों के बहाने / पंकज परिमल
- आध्यात्मिक चेतना से सम्पन्न समर्थ कवि के गीत / रामेश्वर मिश्र पंकज
- नवगीत का जनपक्ष तेवर / राजेन्द्र गौतम
- बाज़ारवाद के संकट में सचेत कवि-स्वर / कैलाश चन्द्र पन्त
- ’बात इतनी सी’ यानी बात पूरी और सही / कुमार रवीन्द्र
- आत्मकथ्य / मनोज जैन 'मधुर'
- वाणी-वन्दना / मनोज जैन 'मधुर'
- माँ वाणी का प्यार मिला / मनोज जैन 'मधुर'
- प्यार के दो बोल बोलें / मनोज जैन 'मधुर'
- बून्द का मतलब समन्दर है / मनोज जैन 'मधुर'
- भव-भ्रमण की वेदना / मनोज जैन 'मधुर'
- हम बहुत कायल हुए हैं / मनोज जैन 'मधुर'
- हम सुआ नहीं हैं पिंजरे के / मनोज जैन 'मधुर'
- फ़ैसला छोड़िए न्याय के हाथ में / मनोज जैन 'मधुर'
- छन्दों का ककहरा / मनोज जैन 'मधुर'
- करना होगा सृजन, बन्धुवर ! / मनोज जैन 'मधुर'
- कैसा है भाई / मनोज जैन 'मधुर'
- काश ! हम होते / मनोज जैन 'मधुर'
- घटते देख रहा हूँ / मनोज जैन 'मधुर'
- तू जीत गई, मैं हार गया / मनोज जैन 'मधुर'
- यह पथ मेरा / मनोज जैन 'मधुर'
- नक़ली कवि कविता पढ़कर जब / मनोज जैन 'मधुर'
- जय बोलो एक बार / मनोज जैन 'मधुर'
- फँसते हैं फन्दों में / मनोज जैन 'मधुर'
- सोया है जो तन के अन्दर / मनोज जैन 'मधुर'
- लिखें लेख ऐसे / मनोज जैन 'मधुर'
- साध कहाँ पाता हर कोई / मनोज जैन 'मधुर'
- याद रखना हमारी मुलाक़ात को / मनोज जैन 'मधुर'
- चुम्बनों के फूल / मनोज जैन 'मधुर'
- भीड़ में मैं हूँ अकेला / मनोज जैन 'मधुर'
- इस ज़मीन को छोड़ो अब / मनोज जैन 'मधुर'
- जब मन हुआ खरे सोने-सा / मनोज जैन 'मधुर'
- झूलते अरमान रहते / मनोज जैन 'मधुर'
- मौन तो तोड़ो / मनोज जैन 'मधुर'
- गीत अच्छे दिन के / मनोज जैन 'मधुर'
- आलोचक बोल / मनोज जैन 'मधुर'
- देखकर शृंगार / मनोज जैन 'मधुर'
- हर दिशा में नेह उमड़ा / मनोज जैन 'मधुर'
- शत-शत नमन / मनोज जैन 'मधुर'
- धरती का रस / मनोज जैन 'मधुर'
- चलो, सब शपथ लें / मनोज जैन 'मधुर'
- भीम बेटका / मनोज जैन 'मधुर'
- क्या सोचा था / मनोज जैन 'मधुर'
- हम काँटों में खिले फूल से / मनोज जैन 'मधुर'
- सलीब को ढोना सीख लिया / मनोज जैन 'मधुर'
- रामभरोसे / मनोज जैन 'मधुर'
- बोल, कबीरा बोल / मनोज जैन 'मधुर'
- राजनीति की उठा-पटक में / मनोज जैन 'मधुर'
- कैसा है यह देश / मनोज जैन 'मधुर'
- कुर्सी का आराधक नेता / मनोज जैन 'मधुर'
- फिर मत कहना / मनोज जैन 'मधुर'
- मेघ आए / मनोज जैन 'मधुर'
- दर्पण झूठ न बोले / मनोज जैन 'मधुर'
- मधुर मुस्कान / मनोज जैन 'मधुर'
- मन के समीप / मनोज जैन 'मधुर'
- ऐसा भी दिन आएगा / मनोज जैन 'मधुर'
- तुम हमारी हो / मनोज जैन 'मधुर'
- ज़िन्दगी लिख दी तुम्हारे नाम / मनोज जैन 'मधुर'
- दीवाली आई / मनोज जैन 'मधुर'
- दीप जलता रहे / मनोज जैन 'मधुर'
- उनसे प्यार करूँ / मनोज जैन 'मधुर'
- मौन तो तोड़ो / मनोज जैन 'मधुर'
- एक किला और / मनोज जैन 'मधुर'
- पतिंगे जो ठहरे / मनोज जैन 'मधुर'
- ठूँठ बसन्त हुआ / मनोज जैन 'मधुर'
- बात-बात में बात काटता / मनोज जैन 'मधुर'
- मैं नदी थी / मनोज जैन 'मधुर'
- सगुन-पाँखी ! लौट आओ / मनोज जैन 'मधुर'
- हालात के मारे हुए हैं लोग / मनोज जैन 'मधुर'
- माँगें चलो अँगूठा / मनोज जैन 'मधुर'
- राजा जी / मनोज जैन 'मधुर'
- सरकार / मनोज जैन 'मधुर'
- तुझको कौन पढ़ेगा रे ! / मनोज जैन 'मधुर'
- हैं मुझे स्वीकार / मनोज जैन 'मधुर'
- अधुना व्यापारी / मनोज जैन 'मधुर'
- ज़िन्दगी तुझको बुलाती है / मनोज जैन 'मधुर'
- देख लो, भगवान ! / मनोज जैन 'मधुर'
- यह पथ मेरा चुना हुआ है / मनोज जैन 'मधुर'
- बेला के फूल / मनोज जैन 'मधुर'
- सुबह हो रही है / मनोज जैन 'मधुर'
- लीक से हटके / मनोज जैन 'मधुर'
- काँच या पारा नहीं हूँ / मनोज जैन 'मधुर'
- काँप रहे गाँव / मनोज जैन 'मधुर'
- मंगल हुआ / मनोज जैन 'मधुर'
- फिर उत्फुल्ल हुआ / मनोज जैन 'मधुर'
- पूछकर तुम क्या करोगे / मनोज जैन 'मधुर'