गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
प्रेम साहिल के नाम / कांतिमोहन 'सोज़'
1 byte added
,
12:46, 2 अप्रैल 2017
'''(यह गजल प्रेम साहिल के नाम)'''
हौलेहौले
हौले-हौले
ग़म की बदली दिल पे छाती जाए है।
देखना है नाउमीदी और क्या दिखलाए है॥
शोरो-शर से भर गए यारो ज़मीनो-आस्माँ
अब तो ये मंज़र भी
आंखों
आँखों
से न देखा जाए है।
ऐसे वीराने में फिर एक बार आएगी बहार
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,749
edits