भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बेटी बेटे / शैलेन्द्र

6 bytes added, 19:56, 27 जून 2008
साँस साँस का हिसाब ले रही है जिन्दगीज़िन्दगी
और बस दिलासे ही दे रही है जिन्दगीज़िन्दगी
रोटियों के ख़्वाब से चल रहा है काम
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,747
edits