भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पाब्लो नेरूदा |अनुवादक=प्रभाती न...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=पाब्लो नेरूदा
|अनुवादक=प्रभाती नौटियाल
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita‎}}
<Poem>
ख़ामोश है ताक़त (पेड़ बताते हैं मुझे)
और गहराई (बताती हैं जड़ें)
और शुद्धता (बताता है आटा)

किसी पेड़ ने नहीं कहा मुझसे
”मैं सबसे ऊँचा हूँ।“

किसी जड़ ने नहीं कहा :
”मैं ही आती हूँ सबसे गहराई से ।“

और कभी नहीं कहा रोटी ने :
”कुछ भी नहीं है रोटी जैसा ।“

'''मूल स्पानी भाषा से अनुवाद : प्रभाती नौटियाल'''
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,973
edits