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नया पृष्ठ: सुबह की तरह एक जानी-पहचानी नवीनता में चकित किया था मुझे। तुमने मु...
सुबह की तरह
एक जानी-पहचानी नवीनता में
चकित किया था मुझे।
तुमने मुझमें
काकली-सी
कोलाहल पूर्ण मधुरता भरकर
मुग्ध किया था।
फिर चंद्रिका-सी
देह में शीतल उष्णता भर कर
तुमने मुझे उन्मत्त किया था।
एक जानी-पहचानी नवीनता में
चकित किया था मुझे।
तुमने मुझमें
काकली-सी
कोलाहल पूर्ण मधुरता भरकर
मुग्ध किया था।
फिर चंद्रिका-सी
देह में शीतल उष्णता भर कर
तुमने मुझे उन्मत्त किया था।