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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अवतार एनगिल |संग्रह=मनखान आएगा / अवतार एनगिल }} <poem>...
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{{KKRachna
|रचनाकार=अवतार एनगिल
|संग्रह=मनखान आएगा / अवतार एनगिल
}}
<poem>नंगे पांव चली दूधिया नदी ने
कर ली
आग से दोस्ती
धृत सुगंध में
लपटों सखियों का नाच
जलना : तत्वों का रूप पलायन
तलाश : गति के अर्थ की
बोझिल पाँव : ख़्यालों के
ख़्यालों के बिखरे टुकड़ों में
आलिंगनों की एकाग्र समग्रता
उन्मादी आंखें
सम्पूर्ण अधूरापन
दे जाते हैं दोनों को
मिट्टी का इक बाबा
चिर आकांक्षित
दोहराया अनुभव।
</poem>
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|रचनाकार=अवतार एनगिल
|संग्रह=मनखान आएगा / अवतार एनगिल
}}
<poem>नंगे पांव चली दूधिया नदी ने
कर ली
आग से दोस्ती
धृत सुगंध में
लपटों सखियों का नाच
जलना : तत्वों का रूप पलायन
तलाश : गति के अर्थ की
बोझिल पाँव : ख़्यालों के
ख़्यालों के बिखरे टुकड़ों में
आलिंगनों की एकाग्र समग्रता
उन्मादी आंखें
सम्पूर्ण अधूरापन
दे जाते हैं दोनों को
मिट्टी का इक बाबा
चिर आकांक्षित
दोहराया अनुभव।
</poem>