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हरीकेश पटवारी
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हरीकेश पटवारी
जन्म | |
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जन्म स्थान | धनौरी, जींद, हरियाणा |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
वैराग्य रत्नमाला, प्रश्वोतरी, आजादी की झलक, हरिकेश पुष्पांजलि आदि | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
हरीकेश पटवारी / परिचय |
हरियाणवी रचनाएँ
- सन् 47 मैं हिन्द देश का बच्चा बच्चा तंग होग्या / हरीकेश पटवारी
- जब से दुनियां बसी आज तक ना ऐसा हाल हुआ / हरीकेश पटवारी
- भूखे मरते भक्त, ऐश करते ठग चोर जवारी क्यूं / हरीकेश पटवारी
- बिगड़ी मैं कोई बाप बणै ना, चलती मैं सौ साळे देखे / हरीकेश पटवारी
- माल मस्त कोई खाल मस्त कोई रोणे मैं कोई गाणे म्हं / हरीकेश पटवारी
- पूर्णमल बेईमान तनै, भक्ति कै ला दिया दाग / हरीकेश पटवारी
- ना कोई मेरै खिलाफ शिकायत, डायरी नही रिपोट पिता / हरीकेश पटवारी
- सीख मानकै राणी की, राई तै पहाड़ करै मतन्या / हरीकेश पटवारी
- मुँजी के घर बिन दान पुन्न, व्यर्था धन सुन्ना है / हरीकेश पटवारी
- जर-जोरू-जमीन के कारण, बड़े- बड़े मर खपगे / हरीकेश पटवारी
- सतयुग त्रेता द्वापर से, कलियुग का पहरा खोटा / हरीकेश पटवारी
- जन्म-मरण के बन्ध छुटज्या इतने काम किया कर / हरीकेश पटवारी
- मन्दिर मस्जिद गिरजाघर, और देख्या गुरुद्वारा मनै / हरीकेश पटवारी
- नेता सुभाष बोस तेरी, सारा हिन्द करै बडाई / हरीकेश पटवारी
- कर्म लिख्या फल पडै भोगणा, नही कोई तबदीर बणै / हरीकेश पटवारी
- गुरु दयालु कृपालु, कोई सरल सत्य उपदेश करो / हरीकेश पटवारी
- छोटेपन की जड़ क्या है गुरु कौन पुरुष है छोटा / हरीकेश पटवारी
- मूर्ख का सत्संग इसा, जिसा लौहे कै जर लागै / हरीकेश पटवारी
- यज्ञ-हवन पुन्न-दान धर्म म्ह, बंदे श्रूत जचाले / हरीकेश पटवारी