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हुमेरा 'राहत'
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हुमेरा 'राहत'
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जन्म | |
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विविध | |
जीवन परिचय | |
हुमेरा 'राहत' / परिचय |
ग़ज़लें
- आँखों से किसी ख़्वाब को बाहर नहीं देखा / हुमेरा 'राहत'
- फ़साना अब कोई अंजाम पाना चाहता है / हुमेरा 'राहत'
- हर एक ख़्वाब की ताबीर थोड़ी होती है / हुमेरा 'राहत'
- हवा के साथ ये कैसा मोआमला हुआ है / हुमेरा 'राहत'
- कहानी को मुकम्मल जो करे वो बाब उठा लाई / हुमेरा 'राहत'
- किसी भी राएगानी से बड़ा है / हुमेरा 'राहत'
- मैं आब-ए-इश्क़र में हल हो गई हूँ / हुमेरा 'राहत'
- मिसाल-ए-ख़ाक कहीं पर बिखर के देखते हैं / हुमेरा 'राहत'
- तअल्लुक़ की नई इक रस्म अब ईजाद करना है / हुमेरा 'राहत'
- तुम्हारे इश्क़ पे दिल को जो मान था न रहा / हुमेरा 'राहत'
- वक़्त ऐसा कोई तुझ पर आए / हुमेरा 'राहत'
- वक़्त की आँख से कुछ ख़्वाब नए माँगता है / हुमेरा 'राहत'
- ये कहना था जो दुनिया कर रही है / हुमेरा 'राहत'