भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"डॉ० कुंवर बैचेन के नवगीत / कुँअर बेचैन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
}} | }} | ||
{{KKPustak | {{KKPustak | ||
− | |चित्र= | + | |चित्र=kunwarkenavgeet.jpg |
|नाम=डॉ० कुंवर बैचेन के नवगीत | |नाम=डॉ० कुंवर बैचेन के नवगीत | ||
|रचनाकार=[[कुँअर बेचैन]] | |रचनाकार=[[कुँअर बेचैन]] |
20:03, 24 मार्च 2011 के समय का अवतरण
डॉ० कुंवर बैचेन के नवगीत
रचनाकार | कुँअर बेचैन |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- गीत के जितने कफ़न हैं / कुँअर बेचैन
- बिके अभावों के हाथों / कुँअर बेचैन
- पथ में किरण-छुरे / कुँअर बेचैन
- हर आँख द्रौपदी है / कुँअर बेचैन
- सुरसा-सा मुँह फाड़ रही है / कुँअर बेचैन
- फिसल गईं स्वीकृतियां / कुँअर बेचैन
- जिंदगी अपनी नहीं / कुँअर बेचैन
- और मैं लाचार पति निर्धन / कुँअर बेचैन
- बनेंगी साँपिन / कुँअर बेचैन
- माँसाहारी जग-होटल में / कुँअर बेचैन
- जीवन उखड़ा सा नाखून / कुँअर बेचैन
- हम सब काशी के पंडे / कुँअर बेचैन
- प्राण लिपिक–से / कुँअर बेचैन
- मटमैले मेज़पोश / कुँअर बेचैन
- भारी-भारी तोपे हैं / कुँअर बेचैन