भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 8: | पंक्ति 8: | ||
|मृत्यु=9 दिसंबर 2007 | |मृत्यु=9 दिसंबर 2007 | ||
|कृतियाँ=[[धरती / त्रिलोचन | धरती]] (1945), [[गुलाब और बुलबुल / त्रिलोचन | गुलाब और बुलबुल]] (1956), [[दिगंत / त्रिलोचन | दिगंत]] (1957), [[ताप के ताये हुए दिन / त्रिलोचन | ताप के ताये हुए दिन]] (1980), [[शब्द / त्रिलोचन | शब्द]] (1980), [[उस जनपद का कवि हूँ / त्रिलोचन | उस जनपद का कवि हूँ]] (1981), [[अरघान / त्रिलोचन | अरघान]] (1984), [[तुम्हे सौंपता हूँ / त्रिलोचन | तुम्हे सौंपता हूँ]] (1985), [[चैती / त्रिलोचन | चैती]] (1987) | |कृतियाँ=[[धरती / त्रिलोचन | धरती]] (1945), [[गुलाब और बुलबुल / त्रिलोचन | गुलाब और बुलबुल]] (1956), [[दिगंत / त्रिलोचन | दिगंत]] (1957), [[ताप के ताये हुए दिन / त्रिलोचन | ताप के ताये हुए दिन]] (1980), [[शब्द / त्रिलोचन | शब्द]] (1980), [[उस जनपद का कवि हूँ / त्रिलोचन | उस जनपद का कवि हूँ]] (1981), [[अरघान / त्रिलोचन | अरघान]] (1984), [[तुम्हे सौंपता हूँ / त्रिलोचन | तुम्हे सौंपता हूँ]] (1985), [[चैती / त्रिलोचन | चैती]] (1987) | ||
− | |विविध=त्रिलोचन जी का मूल नाम वासुदेव सिंह था। उन्हें हिंदी [[सॉनेट]] का साधक माना जाता है। उनके कविता संग्रह [[ताप के ताये हुए दिन / त्रिलोचन | ताप के ताये हुए दिन]] के लिये 1981 का [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]] मिला था। | + | |विविध=त्रिलोचन जी का मूल नाम वासुदेव सिंह था। उन्हें हिंदी [[सॉनेट]] का साधक माना जाता है। उनके कविता संग्रह [[ताप के ताये हुए दिन / त्रिलोचन | ताप के ताये हुए दिन]] के लिये 1981 का [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]] मिला था।[[शलाका सम्मान ]] |
|जीवनी=[[त्रिलोचन / परिचय]] | |जीवनी=[[त्रिलोचन / परिचय]] | ||
|अंग्रेज़ीनाम=Trilochan, Sonnet, Yatri, Yaatri | |अंग्रेज़ीनाम=Trilochan, Sonnet, Yatri, Yaatri |
13:19, 1 जून 2012 का अवतरण
त्रिलोचन
www.kavitakosh.org/trilochan
www.kavitakosh.org/trilochan
जन्म | 20 अगस्त 1917 |
---|---|
निधन | 9 दिसंबर 2007 |
जन्म स्थान | चिरानीपट्टी, कटघरा पट्टी, जिला सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
धरती (1945), गुलाब और बुलबुल (1956), दिगंत (1957), ताप के ताये हुए दिन (1980), शब्द (1980), उस जनपद का कवि हूँ (1981), अरघान (1984), तुम्हे सौंपता हूँ (1985), चैती (1987) | |
विविध | |
त्रिलोचन जी का मूल नाम वासुदेव सिंह था। उन्हें हिंदी सॉनेट का साधक माना जाता है। उनके कविता संग्रह ताप के ताये हुए दिन के लिये 1981 का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था।शलाका सम्मान | |
जीवन परिचय | |
त्रिलोचन / परिचय | |
कविता कोश पता | |
www.kavitakosh.org/trilochan |
कविता संग्रह <sort order="asc" class="ul">
- चैती / त्रिलोचन
- शब्द / त्रिलोचन
- धरती / त्रिलोचन
- गुलाब और बुलबुल / त्रिलोचन
- दिगंत / त्रिलोचन
- ताप के ताये हुए दिन / त्रिलोचन
- उस जनपद का कवि हूँ / त्रिलोचन
- अरघान / त्रिलोचन
- तुम्हे सौंपता हूँ / त्रिलोचन
- जीने की कला / त्रिलोचन
- सबका अपना आकाश / त्रिलोचन
- फूल नाम है एक / त्रिलोचन
</sort>
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ <sort order="asc" class="ul">
- खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार / त्रिलोचन
- चंचल पवन प्राणमय बंधन / त्रिलोचन
- हाथों के दिन / त्रिलोचन
- तरूण से / त्रिलोचन
- उस जनपद का कवि हूँ / त्रिलोचन
- भीख मांगते उसी त्रिलोचन को देखा कल / त्रिलोचन
- अस्वस्थ होने पर / त्रिलोचन
- आत्मालोचन / त्रिलोचन
- पीपल / त्रिलोचन
- / त्रिलोचन
- / त्रिलोचन
- / त्रिलोचन
- / त्रिलोचन
- / त्रिलोचन
- / त्रिलोचन
- / त्रिलोचन
- / त्रिलोचन
- / त्रिलोचन
- / त्रिलोचन
- आछी के फूल / त्रिलोचन
- एक लहर फैली अनन्त की / त्रिलोचन
- लहरों में साथ रहे कोई / त्रिलोचन
- पीपल / त्रिलोचन
- उनका हो जाता हूँ / त्रिलोचन
- सब का अपना आकाश / त्रिलोचन
- स्पष्टीकरण / त्रिलोचन
- गाओ / त्रिलोचन
- फेरु / त्रिलोचन
- पवन शान्त नहीं है / त्रिलोचन
- तृषा लिए ही प्राण एक दिन / त्रिलोचन
- प्राणों का गान / त्रिलोचन
- आदमी की गंध / त्रिलोचन
- दुनिया का सपना / त्रिलोचन
- सह जाओ आघात प्राण, नीरव सह जाओ / त्रिलोचन
- अगर चांद मर जाता / त्रिलोचन
- वही त्रिलोचन है / त्रिलोचन
- धर्म की कमाई / त्रिलोचन
- उठ किसान ओ / त्रिलोचन
- परिचय की गाँठ / त्रिलोचन
- त्रिलोचन चलता रहा / त्रिलोचन
</sort>