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− | rect 0 0 371 20 [[Problem in Reading Hindi Font]]
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− | <font color=white>'''कविता कोश का पता'''<br></font>
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− | <font size=5 color=white>'''www.kavitakosh.org'''</font>
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− | हिन्दी काव्य के इस विशाल संकलन में आपका स्वागत है। यह एक खुली परियोजना है जिसके विकास में कोई भी भाग ले सकता है -आप भी! आपसे निवेदन है कि आप भी इस संकलन के परिवर्धन में सहायता करें। देखिये [[कविता कोश में योगदान कैसे करें]]। इस समय कविता कोश में '''{{NUMBEROFPAGES}}''' पन्ने बन चुके हैं।
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− | <table width=100% style="border: 1px solid #d15600"><tr><td colspan=2 style="background-color:#d15600;">
| + | {{KKRekhankitRachnaakaar}} |
− | <font size=3>''' रेखांकित रचनाकार'''</font></td></tr>
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− | <tr><td valign=top style="background-color:#F5FAFF;">[[चित्र:Maithilisharangupt.jpg|50px|right]]</td>
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− | <td valign=top style="background-color:#F5FAFF;height:100px">[[मैथिलीशरण गुप्त]] का जन्म 1885 ई. में हुआ था। गुप्त जी खड़ी बोली कविता के प्रथम महत्वपूर्ण कवि हैं। पवित्रता, नैतिकता और परंपरागत मानवीय सम्बंधों की रक्षा गुप्त जी के काव्य के प्रमुख गुण हैं। '''कुछ कृतियाँ:''' [[सैरन्ध्रीः खंडकाव्य / मैथिलीशरण गुप्त / पृष्ठ 1 ]] , [[साकेत / मैथिलीशरण गुप्त / प्रथम सर्ग / पृष्ठ १]]
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− | <table width=100% style="border: 1px solid #CEDFF2"><tr><td colspan=2 style="background-color:#CEDFF2;">
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− | <font size=3>''' रेखांकित रचनाकार'''</font></td></tr>
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− | <tr><td valign=top style="background-color:#F5FAFF;">[[चित्र:Maithilisharangupt.jpg|50px|right]]</td>
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− | <td valign=top style="background-color:#F5FAFF;height:100px">[[मैथिलीशरण गुप्त]] का जन्म 1885 ई. में हुआ था। गुप्त जी खड़ी बोली कविता के प्रथम महत्वपूर्ण कवि हैं| पवित्रता, नैतिकता और परंपरागत मानवीय सम्बंधों की रक्षा गुप्त जी के काव्य के प्रमुख गुण हैं। '''कुछ कृतियाँ:''' [[सैरन्ध्रीः खंडकाव्य / मैथिलीशरण गुप्त / पृष्ठ 1 ]] , [[साकेत / मैथिलीशरण गुप्त / प्रथम सर्ग / पृष्ठ १]]
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− | <table width=100% style="border: 1px solid #F2E0CE"><tr><td colspan=2 style="background-color:#F2E0CE;">
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− | <font size=3>''' रेखांकित रचना'''</font></td></tr>
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− | <tr><td valign=top style="background-color:#FAF5FF"></td>
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− | <td valign=top style="background-color:#FAF5FF;height:100px">[[जयशंकर प्रसाद]] कृत [[कामायनी / जयशंकर प्रसाद|कामायनी]]। 1935 में प्रकाशित यह रचना हिन्दी काव्य में सूर्य के समान जगमगाती है।
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