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"ज़िंदगी ! ऐ ज़िंदगी ! / फ़राज़" के अवतरणों में अंतर

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* [[ये जान कर भी कि दोनों के रास्ते थे अलग / फ़राज़]]
 
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* [[वही इश्क़ जो था कभी जुनूँ उसे रोज़गार बना दिया  / फ़राज़]]
 
* [[वही इश्क़ जो था कभी जुनूँ उसे रोज़गार बना दिया  / फ़राज़]]
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* [[मैं तो मक़तल में भी क़िस्मत का सिकंदर निकला  / फ़राज़]]
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* [[तुझ से मिल कर तो ये लगता है कि एक अजनबी दोस्त  / फ़राज़]]
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* [[हुए जाते हैं क्यों ग़मख़्वार क़ातिल  / फ़राज़]]
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* [[हिज्र-ए-जानाँ की घड़ी अच्छी लगी  / फ़राज़]]
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* [[दिल में आ बैठी ग़ज़ल सी वह गज़ाल  / फ़राज़]]
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* [[फ़क़त हुनर ही नहीं ऐब भी कमाल के रख  / फ़राज़]]
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* [[दोस्तों यों भी न रखो ख़ुमो-पैमाना खुले  / फ़राज़]]
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* [[होंठ हीरों से न चेहरा है सितारे की मिसाल  / फ़राज़]]
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* [[नए सफ़र में अभी एक नुक़्स बाक़ी है  / फ़राज़]]
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* [[तेरी हीरों सी आँखें तेरी याक़ूत से लब  / फ़राज़]]

17:45, 25 अगस्त 2009 का अवतरण

ज़िंदगी ! ए ज़िंदगी !
Zindgi-e-zindgi1..JPG
रचनाकार अहमद फ़राज़
प्रकाशक वाणी प्रकाशन, 21- ए , दरिया गंज नई दिल्ली 110002
वर्ष 2008
भाषा हिन्दी
विषय
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 135
ISBN 978-81-8143-680-1
विविध
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