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16:56, 9 जून 2010 का अवतरण
चंद्रभानु भारद्वाज
जन्म | |
---|---|
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
चंद्रभानु भारद्वाज / परिचय |
- बराबर उसके कद के यों मेरा कद हो नहीं सकता / चंद्रभानु भारद्वाज
- उनके माथे पर अक्सर पत्थर के दाग रहे / चंद्रभानु भारद्वाज
- हमें ऐ ज़िन्दगी तुझ से शिकायत भी नहीं कोई / चंद्रभानु भारद्वाज
- तमन्ना थी कि हम उनकी नज़र में खास बन जाते / चंद्रभानु भारद्वाज
- वो गुजरता है पागल हवा की तरह / चंद्रभानु भारद्वाज
- कसकते हैं मगर इक आह भी भरने नहीं देता / चंद्रभानु भारद्वाज
- ईंट पत्थर का है घर को घर क्या कहें / चंद्रभानु भारद्वाज
- उजड़ती बस्तियों को फिर बसाना है बहुत मुश्किल / चंद्रभानु भारद्वाज
- ज़िन्दगी दुश्वारियों का नाम हो जैसे / चंद्रभानु भारद्वाज
- होंठ पर किलकारियों का नाम हो जैसे / चंद्रभानु भारद्वाज
- दिशा आवाज़ देती है, दशा आवाज़ देती है / चंद्रभानु भारद्वाज
- किसी के नाम से यदि ज़िन्दगी जुड़ी होती / चंद्रभानु भारद्वाज
- नए तेवर नया अंदाज़ रखन / चंद्रभानु भारद्वाज
- नदी को पार कर बैठा हुआ हूँ / चंद्रभानु भारद्वाज
- कभी तो ख्वाब सा लगता कभी लगती हकीक़त सी / चंद्रभानु भारद्वाज
- क्या पता वह वासना थी क्या पता वह प्यार था / चंद्रभानु भारद्वाज
- है ज़हर पर मानकर अमृत उसे पीना यहाँ / चंद्रभानु भारद्वाज
- कोई सपना पलक पर बसा ही नहीं / चंद्रभानु भारद्वाज
- प्यार से और बढ़कर नशा कुछ नहीं / चंद्रभानु भारद्वाज
- किसी वीरान में भटका हुआ राही किधर जाए / चंद्रभानु भारद्वाज
- बता कर कुछ न कुछ कमियाँ निगाहों से गिराता है / चंद्रभानु भारद्वाज
- न जिसके बीच हो दीवार वह आँगन नहीं मिलता / चंद्रभानु भारद्वाज
- ढह गए विश्वास टूटी आस्थाएं / चंद्रभानु भारद्वाज
- तन के आँगन में वर्षा हुई प्यार की / चंद्रभानु भारद्वाज
- हो हवाओं में तुम सब दिशाओं में तुम / चंद्रभानु भारद्वाज
- चल दिया कोई सपने दिखा प्यार के / चंद्रभानु भारद्वाज
- प्यार ने आग पानी को देखा नहीं / चंद्रभानु भारद्वाज
- प्यार की इक उमर करवटों में कटी / चंद्रभानु भारद्वाज
- मूल कविता हूँ मैं मेरा अनुवाद तुम / चंद्रभानु भारद्वाज
- सूखती झील में काइयाँ रह गईं / चंद्रभानु भारद्वाज
- ज़िन्दगी को कभी आजमा तो सही / चंद्रभानु भारद्वाज
- हवाओं का भरोसा है न मौसम का भरोसा है / चंद्रभानु भारद्वाज
- ज्योति कैसे जलेगी जलाए बिना / चंद्रभानु भारद्वाज
- चार तिनके जुटा घोंसला तो बना / चंद्रभानु भारद्वाज
- हों बंद पलकें रोशनी भीतर दिखाई दे / चंद्रभानु भारद्वाज
- कठिनाइयों को ज़िन्दगी का प्यार मानना / चंद्रभानु भारद्वाज
- करवटों का हिसाब रखना / चंद्रभानु भारद्वाज
- हौसला भी चाहिए ऊंची उड़ानों के लिए / चंद्रभानु भारद्वाज
- हृदय की राजधानी का तनिक हिस्सा बना लेते / चंद्रभानु भारद्वाज
- कल्पनाओं में सुनहरा रंग कब भरने दिया / चंद्रभानु भारद्वाज
- सरहदों पर डट रहे बांके युवाओं को प्रणाम / चंद्रभानु भारद्वाज
- कमजोर पत्थर के बने आधार भी देखे / चंद्रभानु भारद्वाज
- तनिक सरहदें लाँघ कर देखते हैं / चंद्रभानु भारद्वाज
- जब फसल में फूल फलियाँ बालियाँ आने लगीं / चंद्रभानु भारद्वाज
- मानता था मन सगा जिसको दगा देकर गया / चंद्रभानु भारद्वाज
- आँख में आसमान रखना / चंद्रभानु भारद्वाज
- वृद्ध असमय ही जवानी हो गई / चंद्रभानु भारद्वाज
- न धरती है न अब आकाश अपना / चंद्रभानु भारद्वाज
- कहीं तो द्वार ने रोका कहीं दीवार ने रोका / चंद्रभानु भारद्वाज
- ज़िन्दगी बचकर किधर आए बता अब क्या करें / चंद्रभानु भारद्वाज
- उतरते देवता इक मूर्ति इंसानी बनकर / चंद्रभानु भारद्वाज