भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आओ नई सहर का नया शम्स रोक लें / विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ'" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ' }} {{KKPustak |च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
छो
 
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 13: पंक्ति 13:
 
|विषय=  
 
|विषय=  
 
|शैली=ग़ज़ल
 
|शैली=ग़ज़ल
|पृष्ठ=84
+
|पृष्ठ=132
 
|ISBN=--978-96-86716-81-1
 
|ISBN=--978-96-86716-81-1
 
|विविध=--
 
|विविध=--
पंक्ति 20: पंक्ति 20:
 
*[[हमसफ़र और पथ के पत्थर एक जैसे हो गए / विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ']]
 
*[[हमसफ़र और पथ के पत्थर एक जैसे हो गए / विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ']]
 
*[[ये मुमकिन है कि मुझसे कुछ तो वो रूठा हुआ होगा / विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ']]
 
*[[ये मुमकिन है कि मुझसे कुछ तो वो रूठा हुआ होगा / विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ']]
 +
*[[काेई पाेखर नहीं सूखे काेई दरया नहीं सूखे / विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ']]
 +
*[[अगर वो ज़द में है तो उसपे दावा क्यों नहीं होता / विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ']]
 +
*[[बंद होने से ही लाखों की हुई / विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ']]
 +
*[[माना मुझे नसीब तेरा डर नहीं हुआ / विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ']]
 +
*[[झूठ फैलाने का हैं हथियार अब / विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ']]
 +
*[[कहाँ जी पाते हैं ख़ुद से मसाफ़त जिनके मन में है / विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ']]
 +
*[[जगमगाते जुगनुओं के काफिले हैं / विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ']]
 +
*[[अज़्म से अपने कभी जब मैं बड़ा हो जाऊँगा / विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ']]

08:08, 27 नवम्बर 2021 के समय का अवतरण

आओ नई सहर का नया शम्स रोक लें
General Book.png
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार [[विनोद प्रकाश गुप्ता 'शलभ'

]]

प्रकाशक के.बी. एस.प्रकाशन, 18/91 ए, ईस्ट मोती बाग़, सराय रोहिल्ला, सुदर्शन पार्क, नई दिल्ली-110007
वर्ष 2019
भाषा हिन्दी
विषय
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 132
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

ग़ज़लें