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+ | * [[अमेरिका तू अकडै़ दिखावै, या मरोड़ काढ़द्यां सारी / जय सिंह खानक]] | ||
+ | * [[नैतिकता ना रही किसे मैं, यो समाज उघाड़ा होग्या रै / जय सिंह खानक]] | ||
+ | * [[उठ सुबह अखबार पढूं, मैने चक्कर सा आवै सै / जय सिंह खानक]] | ||
+ | * [[या दुनियाँ झुलसी सारी, इस मंहगाई की आग मैं / जय सिंह खानक]] | ||
+ | * [[सदियों से हम पिसते आये, ना दिया सम्मान किसेनै / जय सिंह खानक]] |
18:39, 25 मई 2014 के समय का अवतरण
जय सिंह खानक
जन्म | 30 जनवरी 1963 |
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जन्म स्थान | खानक, भिवानी, हरियाणा |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
जय सिंह खानक / परिचय |
हरियाणवी रचनाएँ
- हो लिया देश का नाश, आज ये मोटे चाळे होगे / जय सिंह खानक
- अमेरिका तू अकडै़ दिखावै, या मरोड़ काढ़द्यां सारी / जय सिंह खानक
- नैतिकता ना रही किसे मैं, यो समाज उघाड़ा होग्या रै / जय सिंह खानक
- उठ सुबह अखबार पढूं, मैने चक्कर सा आवै सै / जय सिंह खानक
- या दुनियाँ झुलसी सारी, इस मंहगाई की आग मैं / जय सिंह खानक
- सदियों से हम पिसते आये, ना दिया सम्मान किसेनै / जय सिंह खानक