भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पलाश दहके हैं / धनंजय सिंह" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=धनंजय सिंह }} {{KKPustak |चित्र= |नाम=पलाश ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 16: | पंक्ति 16: | ||
|विविध=-- | |विविध=-- | ||
}} | }} | ||
− | * [[ / धनंजय सिंह]] | + | * [[उग आई नागफनी / धनंजय सिंह]] |
+ | * [[मौन की चादर बुनी है / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[नींदों के सिमट गए माप / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[लौटना पड़ेगा फिर-फिर घर / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[बेच दिए हैं मीठे सपने / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[जंगल उग आए / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[दिन क्यों बीत गए / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[प्रहर-दिवस-मास-वर्ष बीते / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[अब डर लग रहा है / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[झाँकते हैं फिर नदी में पेड़ / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[शहर बहुत दूर है / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[क्या सुनाऊँ / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[कक्षा से भटका हुआ उपग्रह हूँ / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[फँस गई है छपछपाती नाव / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[फिर सूख गई मौसमी नदी / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[फूल सरसों के / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[हो गया दक्षिण स्वयं ही वाम / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[फूटा गीत नया / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[ज्यों डूबे जहाज़ का पंछी / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[फिर उतर आई वनों में साँझ / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[पानी में पत्थर की नाव / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[उतर गए चीलों के झुण्ड / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[डाली-डाली पलाश दहके हैं पर... / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[स्वप्निल आकांक्षा / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[आ न सकूँगा / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[चन्दन-वन महकने लगा / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[ध्वन्यालोकी प्रियम्वदाएँ / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[डायरी के किसी पृष्ठ पर / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[सीमाब से गुज़रता हूँ / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[अब तो सड़कों पर / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[धुन्धमय आकाश का मौसम / धनंजय सिंह]] | ||
+ | * [[छा गई चुप्पी / धनंजय सिंह]] |
20:04, 11 जून 2014 का अवतरण
पलाश दहके हैं
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार | धनंजय सिंह |
---|---|
प्रकाशक | शुभम् प्रकाशन, नवीन शाहदरा, दिल्ली-110032 |
वर्ष | 1997 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | 72 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- उग आई नागफनी / धनंजय सिंह
- मौन की चादर बुनी है / धनंजय सिंह
- नींदों के सिमट गए माप / धनंजय सिंह
- लौटना पड़ेगा फिर-फिर घर / धनंजय सिंह
- बेच दिए हैं मीठे सपने / धनंजय सिंह
- जंगल उग आए / धनंजय सिंह
- दिन क्यों बीत गए / धनंजय सिंह
- प्रहर-दिवस-मास-वर्ष बीते / धनंजय सिंह
- अब डर लग रहा है / धनंजय सिंह
- झाँकते हैं फिर नदी में पेड़ / धनंजय सिंह
- शहर बहुत दूर है / धनंजय सिंह
- क्या सुनाऊँ / धनंजय सिंह
- कक्षा से भटका हुआ उपग्रह हूँ / धनंजय सिंह
- फँस गई है छपछपाती नाव / धनंजय सिंह
- फिर सूख गई मौसमी नदी / धनंजय सिंह
- फूल सरसों के / धनंजय सिंह
- हो गया दक्षिण स्वयं ही वाम / धनंजय सिंह
- फूटा गीत नया / धनंजय सिंह
- ज्यों डूबे जहाज़ का पंछी / धनंजय सिंह
- फिर उतर आई वनों में साँझ / धनंजय सिंह
- पानी में पत्थर की नाव / धनंजय सिंह
- उतर गए चीलों के झुण्ड / धनंजय सिंह
- डाली-डाली पलाश दहके हैं पर... / धनंजय सिंह
- स्वप्निल आकांक्षा / धनंजय सिंह
- आ न सकूँगा / धनंजय सिंह
- चन्दन-वन महकने लगा / धनंजय सिंह
- ध्वन्यालोकी प्रियम्वदाएँ / धनंजय सिंह
- डायरी के किसी पृष्ठ पर / धनंजय सिंह
- सीमाब से गुज़रता हूँ / धनंजय सिंह
- अब तो सड़कों पर / धनंजय सिंह
- धुन्धमय आकाश का मौसम / धनंजय सिंह
- छा गई चुप्पी / धनंजय सिंह