भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"फ़ाज़िल हुस्नु दगलार्चा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ)
(कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ)
पंक्ति 21: पंक्ति 21:
 
* [[अन्धेरे से बचाव / फ़ाज़िल हुस्नु दगलार्चा / अनिल जनविजय]]
 
* [[अन्धेरे से बचाव / फ़ाज़िल हुस्नु दगलार्चा / अनिल जनविजय]]
 
* [[अक्षांश / फ़ाज़िल हुस्नु दगलार्चा / अनिल जनविजय]]
 
* [[अक्षांश / फ़ाज़िल हुस्नु दगलार्चा / अनिल जनविजय]]
 +
* [[जहाँ पूरी तरह चुप्पी छाई हुई है / फ़ाज़िल हुस्नु दगलार्चा / अनिल जनविजय]]

01:15, 26 अगस्त 2019 का अवतरण

फ़ाज़िल हुस्नु दगलार्चा
Fazil-husnu-daglarca.jpg
जन्म 26 अगस्त 1914
निधन 15 अक्तूबर 2008
उपनाम Fazıl Hüsnü Dağlarca
जन्म स्थान इस्ताम्बूल, तुर्की
कुछ प्रमुख कृतियाँ
हवा में बनी दुनिया (1935), बच्चे और अल्लाह (1940), पाषाण युग (1945), तीन शहीदों की दास्तान (1949), माँ धरती (1950), अतातुर्क का मक़बरा (1953), अल्जीरियाई गीत (1961), ग़ज़लें (1965), तेल (1965), हमारी वो वियतनाम की लड़ाई (1966), हिरोशिमा (1970), स्वतन्त्रता सँग्राम - 30 अगस्त (1973), ग़ाज़ी मुस्तफ़ा कमाल अतातुर्क (1973), पृथ्वी के बच्चे (1974), सात भालू (1978), शरारती शब्द (1979), न्यूट्रॉन बम (1981), उपनामों का युग (1986) और भाषाई कम्प्यूटर (1992) सहित कुल 63 कविता-सँग्रह)
विविध
तुर्की के विख्यात कवि हैं, जिनके कुल 63 कविता-सँग्रह प्रकाशित हुए हैं। इन्होने कविताओं के अतिरिक्त और कुछ नहीं लिखा। शुरुआती दौर में इनकी कविताएँ मनुष्य और ब्रह्माण्ड तथा प्रकृति और अलौकिक के रिश्तों की पड़ताल करती हैं। 50 के दशक में मनुष्य और समाज के रिश्तों की पड़ताल इनकी कविताओं का मूल आशय है। 60 के दशक में इनकी कविताएँ शोषण और साम्राज्यवाद के विरुद्ध प्रताड़ित जनता के सँघर्ष के साथ खड़ी होती है। बच्चों के लिए भी इन्होंने बहुत सारी कविताएँ लिखी हैं। कविता के बारे में इनका यह मानना है कि,"कविता को उन तत्वों पर बल देना चाहिए जो एक समाज को एक राष्ट्र में तब्दील करते हैं।
जीवन परिचय
फ़ाज़िल हुस्नु दगलार्चा / परिचय
कविता कोश पता
www.kavitakosh.org/

कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ