भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
					
										
					
					Lalit Kumar  (चर्चा | योगदान)  | 
				SATISH SHUKLA  (चर्चा | योगदान)   | 
				||
| पंक्ति 21: | पंक्ति 21: | ||
* '''[[दहकेगा फिर पलाश / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास']]'''  | * '''[[दहकेगा फिर पलाश / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास']]'''  | ||
====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ====  | ====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ====  | ||
| + | * [[फ़लक से उतरे हसींन रिश्ते बने बनाये क़सम ख़ुदा की / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास']]  | ||
| + | * [[एक  नुस्खा  आज़मायें  चुप  रहें / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास']]  | ||
| + | * [[कोई भी बात बिना बात कहां होती है / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास']]  | ||
* [[प्रिये तुम्हारे स्नेहिल स्वर में इतना अपनापन झलका है / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास']]  | * [[प्रिये तुम्हारे स्नेहिल स्वर में इतना अपनापन झलका है / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास']]  | ||
* [[सजदे में सिर के साथ दिल भी है झुका करिवर-बदन / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास']]  | * [[सजदे में सिर के साथ दिल भी है झुका करिवर-बदन / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास']]  | ||
17:13, 27 जनवरी 2025 का अवतरण
कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
© कॉपीराइट: कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'। कविता कोश के पास संकलन की अनुमति है। इन रचनाओं का प्रयोग कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास' की अनुमति के बिना कहीं नहीं किया जा सकता।

| जन्म | 15 नवम्बर 1947 | 
|---|---|
| उपनाम | विश्वास | 
| जन्म स्थान | पश्चिम टोला, पुरवा, जिला उन्नाव, उत्तर प्रदेश | 
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| रेत पर उंगली चली है, दरीचा (ग़ज़ल संग्रह), दहकेगा फिर पलाश (ग़ज़ल संग्रह) | |
| विविध | |
| जीवन परिचय | |
| कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास' / परिचय | |
रचना संग्रह
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- फ़लक से उतरे हसींन रिश्ते बने बनाये क़सम ख़ुदा की / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - एक नुस्खा आज़मायें चुप रहें / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - कोई भी बात बिना बात कहां होती है / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - प्रिये तुम्हारे स्नेहिल स्वर में इतना अपनापन झलका है / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - सजदे में सिर के साथ दिल भी है झुका करिवर-बदन / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - रंग बदला, रूप बदला, रुख़ बदलना आ गया / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - सदाक़त के उसूलों का अगर पाबन्द हो जाये / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - बे-अमल शाह के सारे वादे हुए / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - नई ज़मीन नया आसमान रख देगा / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - काम कोई ठीक अब होता नहीं हमसे / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - बताओ ज़ुल्म कितने और दिन हम पर घना होगा / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - जुर्म पर उनके हमें सज़ा हो गई / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - मत समझिये मुल्क कायम है भरम पर आपके / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - ये ख़त पाकर इसी ख़त के बहाने तुम चले आना / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - उसको हर हाल में तकलीफ उठानी होगी / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - मानना चाहे न कोई भी नसीहत आज कल / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - हमीं मिसाले-वफ़ा बूए-गुल चमन में रहे / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - मन मुताबिक इस ज़माने के अदाकारी न हो पाई / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - ताज़गी, ज़िंदादिली, रौनक, नज़ाकत आपकी / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - याचना है दास की दर्शन मधुर होते प्रभो / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 - सत्र नियमित पूर्ण होने पर परीक्षा लीजिये / कृपाशंकर श्रीवास्तव 'विश्वास'
 
	
	