भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"इब्ने इंशा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 14: | पंक्ति 14: | ||
}} | }} | ||
{{KKShayar}} | {{KKShayar}} | ||
− | + | ===ग़ज़ल=== | |
* [[इंशाजी उठो अब कूच करो / इब्ने इंशा]] | * [[इंशाजी उठो अब कूच करो / इब्ने इंशा]] | ||
* [[उस शाम वो रुख़सत का समा / इब्ने इंशा]] | * [[उस शाम वो रुख़सत का समा / इब्ने इंशा]] | ||
पंक्ति 42: | पंक्ति 42: | ||
* [[फ़क़ीर बन कर तुम उनके दर पर हज़ार धुनि रमा के बैठो / इब्ने इंशा]] | * [[फ़क़ीर बन कर तुम उनके दर पर हज़ार धुनि रमा के बैठो / इब्ने इंशा]] | ||
* [[हम घूम चुके बस्ती-वन में / इब्ने इंशा]] | * [[हम घूम चुके बस्ती-वन में / इब्ने इंशा]] | ||
− | + | * [[सुनते हैं फिर छुप छुप उनके घर में आते जाते हो / इब्ने इंशा]] | |
+ | * [[दिल ने हमारे बैठे बैठे कैसे कैसे रोग लगाये / इब्ने इंशा]] | ||
+ | * [[एक छोटा सा लड़का था मैं जिन दिनों / इब्ने इंशा]] | ||
+ | * [[चल इंशा अपने गाँव में / इब्ने इंशा]] |
20:30, 7 जुलाई 2013 का अवतरण
इब्ने इंशा
www.kavitakosh.org/ibneinsha
www.kavitakosh.org/ibneinsha
जन्म | 1927 |
---|---|
निधन | 1978 |
उपनाम | इंशा |
जन्म स्थान | फ़िल्लौर, जिला जालंधर, पंजाब |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
इस बस्ती के एक कूचे में, चाँद नगर, दुनिया गोल है, उर्दू की आख़िरी किताब | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
इब्ने इंशा / परिचय | |
कविता कोश पता | |
www.kavitakosh.org/ibneinsha |
ग़ज़ल
- इंशाजी उठो अब कूच करो / इब्ने इंशा
- उस शाम वो रुख़सत का समा / इब्ने इंशा
- एक लड़का / इब्ने इंशा
- रेख़्ता / इब्ने इंशा
- कबित्त (कवित्त) / इब्ने इंशा
- कमर बांधे हुए चलने पे यां सब यार बैठे हैं / इब्ने इंशा
- फ़र्ज़ करो / इब्ने इंशा
- इक बार कहो तुम मेरी हो / इब्ने इंशा
- लोग पूछेंगे / इब्ने इंशा
- साए से / इब्ने इंशा
- इंतज़ार की रात / इब्ने इंशा
- सावन-भादों साठ ही दिन हैं / इब्ने इंशा
- हम उनसे अगर मिल बैठते हैं / इब्ने इंशा
- कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा / इब्ने इंशा
- देख हमारे माथे पर / इब्ने इंशा
- अपने हमराह जो आते हो इधर से पहले / इब्ने इंशा
- और तो कोई बस न चलेगा हिज्र के दर्द के मारों का / इब्ने इंशा
- रात के ख्वाब सुनाएं किस को रात के ख्वाब सुहाने थे / इब्ने इंशा
- जोग बिजोग की बातें झूठी सब जी का बहलाना हो / इब्ने इंशा
- ऐ मुँह मोड़ के जाने वाली / इब्ने इंशा
- यह बच्चा किसका बच्चा है / इब्ने इंशा
- ये बातें झूठी बातें हैं / इब्ने इंशा
- और तो कोई बस न चलेगा / इब्ने इंशा
- अच्छा जो ख़फ़ा हम से हो तुम ऐ सनम अच्छा / इब्ने इंशा
- ख़याल कीजिये क्या काम आज मैं ने किया / इब्ने इंशा
- फ़क़ीर बन कर तुम उनके दर पर हज़ार धुनि रमा के बैठो / इब्ने इंशा
- हम घूम चुके बस्ती-वन में / इब्ने इंशा
- सुनते हैं फिर छुप छुप उनके घर में आते जाते हो / इब्ने इंशा
- दिल ने हमारे बैठे बैठे कैसे कैसे रोग लगाये / इब्ने इंशा
- एक छोटा सा लड़का था मैं जिन दिनों / इब्ने इंशा
- चल इंशा अपने गाँव में / इब्ने इंशा