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09:45, 25 जनवरी 2019 का अवतरण
प्यार का पहला ख़त
रचनाकार | हस्तीमल 'हस्ती' |
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विविध |
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इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- मुहब्बत का ही इक मोहरा नहीं था / हस्तीमल 'हस्ती'
- चिराग़ दिल का म़ुकाबिल हवा के रखते हैं / हस्तीमल 'हस्ती'
- प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है / हस्तीमल 'हस्ती'
- कांच के टुकड़ों को महताब बताने वाले / हस्तीमल 'हस्ती'
- क्या ख़ास क्या है आम ये मालूम है मुझे / हस्तीमल 'हस्ती'
- ख़ुशनुमाई देखना ना क़द किसी का देखना / हस्तीमल 'हस्ती'
- ढूँढा है हर जगह पे कहीं पर नहीं मिला / हस्तीमल 'हस्ती'
- ख़ुद अपने जाल में तू आ गया ना / हस्तीमल 'हस्ती'
- कौन है धूप-सा छाँव-सा कौन है / हस्तीमल 'हस्ती'
- फूल पत्थर में खिला देता है / हस्तीमल 'हस्ती'
- वो भी चुपचाप है इस बार, ये किस्सा क्या है / हस्तीमल 'हस्ती'
- / हस्तीमल 'हस्ती'
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