{{KKCatMahilaRachnakaar}}
====ग़ज़ले====
* [[धरती से बिछड़ी तो अंबर में बदरा बन के छायी हूँ / सुरेखा कादियान ‘सृजना’]]
[[रात ख़्वाबों से यूँ ही सजी रह गयी / सुरेखा कादियान ‘सृजना’]]
[[मिलन तो था लकीरों में मग़र माँगा विरह मैंने / सुरेखा कादियान ‘सृजना’]]
[[तुझे गर दर्द में राहत नहीं अब / सुरेखा कादियान ‘सृजना’]]
[[मेरे मौला कभी तो तू मुझे यूँ आज़माने आ / सुरेखा कादियान ‘सृजना’]]
====कविताएं====