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"प्रयाग शुक्ल" के अवतरणों में अंतर
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|कृतियाँ= कविता संभव (1976), [[यह एक दिन है / प्रयाग शुक्ल| यह एक दिन है]] (1980), रात का पेड़, [[अधूरी चीज़ें तमाम / प्रयाग शुक्ल| अधूरी चीज़ें तमाम]] (1987), [[यह जो हरा है / प्रयाग शुक्ल| यह जो हरा है]] (1990), आए बादल, जंगल में बोला है मोर, सरस्वती बालगीत, हक्का-बक्का | |कृतियाँ= कविता संभव (1976), [[यह एक दिन है / प्रयाग शुक्ल| यह एक दिन है]] (1980), रात का पेड़, [[अधूरी चीज़ें तमाम / प्रयाग शुक्ल| अधूरी चीज़ें तमाम]] (1987), [[यह जो हरा है / प्रयाग शुक्ल| यह जो हरा है]] (1990), आए बादल, जंगल में बोला है मोर, सरस्वती बालगीत, हक्का-बक्का | ||
− | |विविध= कवि, कथाकार और कला-समीक्षक । देश-विदेश की विभिन्न कला-प्रदर्शनियों के बारे में लेखन और प्राय: सभी प्रमुख भारतीय कलाकारों से भॆंटवार्ताएँ प्रकाशित । इसके अलावा फ़िल्म और नाट्य समीक्षाएँ भी । 1963-64 में 'कल्पना' (हैदराबाद) के सम्पादक मंडल में रहे और जनवरी 1969 से मार्च 1983 तक 'दिनमान' के सम्पादकीय विभाग में, इसके बाद दैनिक'नवभारत टाइम्स' के सम्पादकीय विभाग में । ललित कलाअकादमी की हिन्दी पत्रिका 'समकालीन कला' के अतिथि सम्पादक रहे ।[[द्विजदेव सम्मान]] सहित अनेक [[प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कार]] से | + | |विविध= कवि, कथाकार और कला-समीक्षक । देश-विदेश की विभिन्न कला-प्रदर्शनियों के बारे में लेखन और प्राय: सभी प्रमुख भारतीय कलाकारों से भॆंटवार्ताएँ प्रकाशित । इसके अलावा फ़िल्म और नाट्य समीक्षाएँ भी । 1963-64 में 'कल्पना' (हैदराबाद) के सम्पादक मंडल में रहे और जनवरी 1969 से मार्च 1983 तक 'दिनमान' के सम्पादकीय विभाग में, इसके बाद दैनिक'नवभारत टाइम्स' के सम्पादकीय विभाग में । ललित कलाअकादमी की हिन्दी पत्रिका 'समकालीन कला' के अतिथि सम्पादक रहे ।[[द्विजदेव सम्मान]] सहित अनेक [[प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कार]] से सम्मानित। बांगला से हिन्दी में अनुवाद करने वाले श्रेष्ठ अनुवादक। रवीन्द्रनाथ ठाकुर की ‘गीतांजलि’ सहित जीवनानन्द दास, शंख घोष और तसलीमा नसरीन की कविताओं का अनुवाद। बंकिमचंद्र के प्रतिनिधि निबन्धों के अनुवाद पर साहित्य अकादमी का अनुवाद पुरस्कार मिल चुका है। |
|अंग्रेज़ीनाम=Prayag Shukl, Shukla | |अंग्रेज़ीनाम=Prayag Shukl, Shukla | ||
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* '''[[सुनयना फिर यह न कहना / प्रयाग शुक्ल]]''' | * '''[[सुनयना फिर यह न कहना / प्रयाग शुक्ल]]''' | ||
====कविताएँ==== | ====कविताएँ==== |
00:01, 2 जून 2021 का अवतरण
प्रयाग शुक्ल
जन्म | 28 मई 1940 |
---|---|
जन्म स्थान | कलकत्ता,पश्चिमी बंगाल, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
कविता संभव (1976), यह एक दिन है (1980), रात का पेड़, अधूरी चीज़ें तमाम (1987), यह जो हरा है (1990), आए बादल, जंगल में बोला है मोर, सरस्वती बालगीत, हक्का-बक्का | |
विविध | |
कवि, कथाकार और कला-समीक्षक । देश-विदेश की विभिन्न कला-प्रदर्शनियों के बारे में लेखन और प्राय: सभी प्रमुख भारतीय कलाकारों से भॆंटवार्ताएँ प्रकाशित । इसके अलावा फ़िल्म और नाट्य समीक्षाएँ भी । 1963-64 में 'कल्पना' (हैदराबाद) के सम्पादक मंडल में रहे और जनवरी 1969 से मार्च 1983 तक 'दिनमान' के सम्पादकीय विभाग में, इसके बाद दैनिक'नवभारत टाइम्स' के सम्पादकीय विभाग में । ललित कलाअकादमी की हिन्दी पत्रिका 'समकालीन कला' के अतिथि सम्पादक रहे ।द्विजदेव सम्मान सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कार से सम्मानित। बांगला से हिन्दी में अनुवाद करने वाले श्रेष्ठ अनुवादक। रवीन्द्रनाथ ठाकुर की ‘गीतांजलि’ सहित जीवनानन्द दास, शंख घोष और तसलीमा नसरीन की कविताओं का अनुवाद। बंकिमचंद्र के प्रतिनिधि निबन्धों के अनुवाद पर साहित्य अकादमी का अनुवाद पुरस्कार मिल चुका है। | |
जीवन परिचय | |
प्रयाग शुक्ल / परिचय |
कविता संग्रह
- यह एक दिन है / प्रयाग शुक्ल
- अधूरी चीज़ें तमाम / प्रयाग शुक्ल
- यह जो हरा है / प्रयाग शुक्ल
- इस पृष्ठ पर / प्रयाग शुक्ल
- सुनयना फिर यह न कहना / प्रयाग शुक्ल
कविताएँ
- काठचम्पा / प्रयाग शुक्ल
- व्यंजन पकाने की विधि / प्रयाग शुक्ल
- स्त्रियाँ लाती थीं मीलों दूर से भरकर घड़े / प्रयाग शुक्ल
- कभी-कभी / प्रयाग शुक्ल
- फूल जब फूलते हैं वृक्षो में / प्रयाग शुक्ल
- उन्माद के खिलाफ़ / प्रयाग शुक्ल
- आलिंगन / प्रयाग शुक्ल
- अन्न के ढेर लगाता हुआ / प्रयाग शुक्ल