भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
चाहे जिस शक्ल से / विजय कुमार
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:36, 4 अगस्त 2014 का अवतरण
चाहे जिस शक्ल से
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार | विजय कुमार |
---|---|
प्रकाशक | राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली |
वर्ष | 1995 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | 112 |
ISBN | 81-7119-217-7 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- मौत एक मांदगी का वक्फ़ा है / विजय कुमार
- वह चीख़-चीख़कर अपने तमाम वर्ष वापस मांगती है / विजय कुमार
- बम्बई-1 / विजय कुमार
- बम्बई-2 / विजय कुमार
- बम्बई-3 / विजय कुमार
- बम्बई-4 / विजय कुमार
- बम्बई-5 / विजय कुमार
- वसुन्धरा / विजय कुमार
- कुंभ-1 / विजय कुमार
- कुंभ-2 / विजय कुमार
- कुंभ-3 / विजय कुमार
- कुंभ-4 / विजय कुमार
- कुंभ-5 / विजय कुमार
- कुंभ-6 / विजय कुमार
- हम किस बात की प्रतीक्षा करते हैं / विजय कुमार
- आप कुछ बताएँ / विजय कुमार
- अशांत मॄत्यु / विजय कुमार
- दुख के बारे में / विजय कुमार
- ख़बरें छनकर आपके टेबल तक आती हैं / विजय कुमार
- प्रतिदिन / विजय कुमार
- थकी हुई स्त्री / विजय कुमार
- मैं जब आ ही गया तो / विजय कुमार
- हम लोग यहाँ यूँ ही थे / विजय कुमार
- सिर्फ़ एक दिन / विजय कुमार
- अंतिम रेलगाड़ी / विजय कुमार
- शहर में रात-1 / विजय कुमार
- शहर में रात-2 / विजय कुमार
- देविका के लिए एक कविता / विजय कुमार
- आकाश से टपका नहीं था कोई / विजय कुमार
- तंग गलियों में मर्सडीज़ / विजय कुमार
- संदूक / विजय कुमार
- रग्घू की चाय की दुकान / विजय कुमार
- सड़क पर घर / विजय कुमार
- रोता हुआ आदमी / विजय कुमार
- रक़्त बेचने वाले / विजय कुमार
- मृत्यु / विजय कुमार
- सड़क पर भोर / विजय कुमार
- मुम्बई दिनांक / विजय कुमार
- कुछ पंक्तियाँ लिखी नहीं गईं इस शहर में / विजय कुमार
- बतकही / विजय कुमार
- बुरी कविताओं के बारे में एक कविता / विजय कुमार
- पुरानी चिट्ठियाँ / विजय कुमार
- बुजुर्ग कवि का यकीन / विजय कुमार
- जूठन के बारे में / विजय कुमार
- दो पाँव / विजय कुमार