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राहुल शिवाय
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राहुल शिवाय
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जन्म | 01 मार्च 1993 |
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जन्म स्थान | सरस्वती निवास, रतनपुर, बेगूसराय, बिहार |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
संवेदना, ऋतु रास, अंगिका दोहा शतक, माटी हिन्दुस्तान के, स्वाति बूँद, मेवाड़ केसरी, बच्चों का बसंत | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
राहुल शिवाय / परिचय |
हिंदी पुस्तकें
- स्वाति बूँद (कविता संग्रह) / राहुल शिवाय
- मेवाड़ केसरी (खण्ड काव्य) / राहुल शिवाय
- बच्चों का बसंत (बाल कविताएँ) / राहुल शिवाय
- शब्द-शब्द से प्यार किया (कविता संग्रह) / राहुल शिवाय
- तप रहे हैं शब्द मन के (नवगीत संग्रह) / राहुल शिवाय
- आँसू मेरे मधुमास तुम्हारे / राहुल शिवाय
- एक कटोरी धूप / राहुल शिवाय (दोहा संग्रह)
- मौन भी अपराध है (नवगीत संग्रह) / राहुल शिवाय
- रास्ता बनकर रहा / राहुल शिवाय (ग़ज़ल संग्रह)
- दिल्ली कितनी दूर / राहुल शिवाय (नवगीत संग्रह)
- और तुम हो (प्रेमगीत संग्रह) / राहुल शिवाय
अंगिका पुस्तकें
- संवेदना / राहुल शिवाय
- अंगिका दोहा शतक / राहुल शिवाय
- माँटी हिन्दुस्तान के / राहुल शिवाय
- भर-भर हाथ सरंग (अंगिका नवगीत) / राहुल शिवाय
- ऋतु रास (अंगिका ऋतु गीत) / राहुल शिवाय
प्रतिनिधि प्रेम गीत
- कौन संझा दीप बारे / राहुल शिवाय
- तुम ही लौट आए / राहुल शिवाय
- दिवस न माँगो / राहुल शिवाय
- और तुम हो / राहुल शिवाय
- बैठा है अख़बार / राहुल शिवाय
- मेरे गीत सँभाले रखना / राहुल शिवाय
- तथागत कामनाएँ / राहुल शिवाय
- प्रणय की लौ / राहुल शिवाय
- कर्तव्यों के शिलापृष्ठ पर / राहुल शिवाय
- विदा गीत / राहुल शिवाय
प्रतिनिधि नवगीत
- उघर रहा गणतंत्र / राहुल शिवाय
- विज्ञापन कहता है / राहुल शिवाय
- कैसे हो सुनवाई / राहुल शिवाय
- मौन भी अपराध है / राहुल शिवाय
- हैं कृषक हड़ताल पर / राहुल शिवाय
- सिर्फ बाँचने लगे समस्या / राहुल शिवाय
हिंदी ग़ज़लें
- आँधियों के ज़ोर पर सूरज बुझाने के लिए / राहुल शिवाय
- घुप अँधेरा है मगर तू रोशनी को ढूँढ ले / राहुल शिवाय
- अँधेरी रात का मातम है इन उजालों में / राहुल शिवाय
- मेमनों के जो बड़े नाख़ून करना चाहते हैं / राहुल शिवाय
- वो सामने थी मेरे खेलती नदी की तरह / राहुल शिवाय
- मैं तुम्हारी महफ़िलों में बस, हवा बनकर रहा / राहुल शिवाय
- वो अपने ज़िन्दगी भर की कमाई दे रहा है / राहुल शिवाय
- जब कभी प्रतिरोध में जंगल खड़े हो जाएँगे / राहुल शिवाय
- उस दिवस अवतार के क़िस्से घटित हो जाएँगे / राहुल शिवाय
- हक़ीक़त देखकर, मन की अक़ीदत काँप जाती है / राहुल शिवाय