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ऊँट चल रहा है / राम सेंगर
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ऊँट चल रहा है
रचनाकार | राम सेंगर |
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प्रकाशक | उद्भावना प्रकाशन, दिल्ली |
वर्ष | 2009 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविता |
विधा | नवगीत |
पृष्ठ | 104 |
ISBN | |
विविध | 2009 में प्रकाशित ऊँट चल रहा है राम सेंगर
का चौथा नवगीत संग्रह है। एक सड़क अनबँधी, मुखड़े को प्राण दे दिए और तिलिस्म टूटेगा नामक तीन खण्डों में विभाजित यह संग्रह कुल 232 पृष्ठों में 161 नवगीत संजोए हुए है और इसका मूल्य है 300 रुपये। इसके प्रकाशक हैं उद्भावना प्रकाशन, दिल्ली-32 और इसकी भूमिका लिखी है डॉ. शिव कुमार मिश्र ने । ब्लर्ब पर टिप्पणी देवेन्द्र शर्मा इन्द्र की है। |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- अकड़ गया रमजानी / राम सेंगर
- अपनी टेंट / राम सेंगर
- अपनी पारी / राम सेंगर
- अभिव्यक्ति न अपनी शब्दखेल / राम सेंगर
- अम्मा / राम सेंगर
- आखर / राम सेंगर
- आग जला / राम सेंगर
- आग तेज गुरसी की / राम सेंगर
- आज़ादी की स्वर्ण जयन्ती / राम सेंगर
- इस हमाम में / राम सेंगर
- ऐसे में / राम सेंगर
- चल रही कहानी / राम सेंगर
- जीवन से रू-ब-रू / राम सेंगर
- ठगिनी नाच नचाए / राम सेंगर
- दुलत्ती के बीच / राम सेंगर
- नशा / राम सेंगर
- नासमझी के ख़िलाफ़ / राम सेंगर
- प्यास / राम सेंगर
- पाटों के बीच / राम सेंगर
- प्रहसन / राम सेंगर
- बिम्ब उभरेगा / राम सेंगर
- रूपचित्र / राम सेंगर
- लोहे के चने / राम सेंगर
- संवत्सर का गीत / राम सेंगर
- हलाल की मुर्गी / राम सेंगर
- स्वांग / राम सेंगर