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देव
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देव
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जन्म | |
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जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
देव / परिचय |
- दूलह को देखत हिए / देव
- खरी दुपहरी भरी हरी हरी कुंज मँजु / देव
- बारिध बिरह बड़ी बारिधि की बड़वागि / देव
- वा चकई को भयो चित चीतो चितौत चँहु दिसि चाय सों नाँची / देव
- आवन सुन्यो है मनभावन को भावती ने / देव
- आँगन बैठी सुन्यो पिय आवन चित झरोखन मे लख्यो परै / देव
- प्रेम चरचा है अरचा है कुल नेमन रचा है / देव
- मँद महा मोहक मधुर सुर सुनियत / देव
- प्यारे तरु नीजन विपिन तरुनी जन ह्वै / देव
- मुरली सुनत बाम काम-जुर लीन भई / देव
- बरुनी बघँबर मैँ गूदरी पलक दोऊ / देव
- बोयो बस बिरद मैँ बोरी भई बरजत / देव
- / देव
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