अन्धे कहार
रचनाकार | अवतार एनगिल |
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प्रकाशक | पराग प्रकाशन,3,114,कर्ण गली,विश्वासनगर,शहादरा,दिल्ली-32, |
वर्ष | प्रथम संस्करण-1991 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | 94 |
ISBN | |
विविध |
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अन्धे कहार
रानी जी की डोली उठा
अन्धे कहार चले
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- बॉस को एलर्जी है / अवतार एनगिल
- बनमानुष कविता पढ़ रहा है / अवतार एनगिल
- शब्द संस्कृति / अवतार एनगिल
- मैला सूरज / अवतार एनगिल
- रंग जो बेमौत मर गया / अवतार एनगिल
- प्रेत और नन्हा बच्चा / अवतार एनगिल
- रुकी हुई हवा / अवतार एनगिल
- सम्राट की आज्ञा / अवतार एनगिल
</sort> सिन्दबाद
हे यात्री
भूलना मत
कि यात्रा के पहले चरण में
तुम भी रामायण थे
- सिंदबाद : एक / अवतार एनगिल
- सिन्दबाद : दो / अवतार एनगिल
- सिन्दबाद : तीन / अवतार एनगिल
- सिन्दबाद :चार / अवतार एनगिल
- सिन्दबाद :पांच / अवतार एनगिल
- सिन्दबाद :छः / अवतार एनगिल
- सिन्दबाद : सात / अवतार एनगिल
- सिन्दबाद : अंतिका / अवतार एनगिल
- यात्री से / अवतार एनगिल
- बच्चे,औरतें और आदमी / अवतार ऐनगिल
- एक बच्चे का एकालाप / अवतार एनगिल
- घरौंदे / अवतार एनगिल
- रास्ता तलाशता एक आदमी / अवतार एनगिल
- भूत आया / अवतार एनगिल
- वह / अवतार एनगिल
- बोल मेरी मछली / अवतार एनगिल
- गांव की एक लड़की / अवतार एनगिल
- नंदलाल बस में
- नंदलाल दफ़्तर जा रहे हैं / अवतार एनगिल
- समन्दर के नाम / अवतार एनगिल
- दुःख में तपकर / अवतार एनगिल
- झरना / अवतार एनगिल
- कितना मुश्किल है / अवतार एनगिल
- अभिनेता / अवतार एनगिल
- हादसे अब हमें...... / अवतार एनगिल
- नाचते हुए पत्तों का ताज / अवतार एनगिल
- कहा नाग ने---नागमणि से / अवतार एनगिल
- खिड़की खोलकर / अवतार एनगिल
- आपका मित्र / अवतार एनगिल
- हारता हुआ आदमी
- कौंध के बाद की गरज तले / अवतार एनगिल
- औरतों में घिरी औरत / अवतार एनगिल
- आदमियों में घिरा आदमी / अवतार एनगिल
- छाया और धूप को लेकर / अवतार एनगिल
- वे भला तुम्हारी कविता क्यों पढ़ेंगे / अवतार एनगिल
आ गया मनखान
मैंने कहा था
मुझको तो आना है
फिर-फिर आना है
...
तो लो
आता हूं मैं
लेकर अपनी कथा