गीतिका
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार | सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- वीणा वादिनि / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- मुझे स्नेह क्या मिल न सकेगा? / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- सोचती अपलक आप खड़ी / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- मातृ वंदना / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- भारती वन्दना / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- प्रिय यामिनी जागी / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- नयनों के डोरे लाल / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- छोड़ दो, जीवन यों न मलो / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- रूखी री यह डाल / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- सखि, वसन्त आया / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- वर्ण-चमत्कार / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- गर्जन से भर दो वन / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- रे, न कुछ हुआ तो क्या ? / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- कौन तम के पार ? / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- अस्ताचल रवि / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- दे, मैं करूँ वरण / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- अनगिनित आ गए शरण में / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- पावन करो नयन ! / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- वर दे वीणावादिनी वर दे ! / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- बन्दूँ, पद सुन्दर तव / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- भारति, जय, विजय करे ! / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- जग का एक देखा तार / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- टूटें सकल बंध / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- बुझे तृष्णाशा-विषानल / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- प्रात तब द्वार पर / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"