सर्वेश अस्थाना
© कॉपीराइट: सर्वेश अस्थाना। कविता कोश के पास संकलन की अनुमति है। इन रचनाओं का प्रयोग सर्वेश अस्थाना की अनुमति के बिना कहीं नहीं किया जा सकता।
जन्म | 10 सितम्बर 1965 |
---|---|
जन्म स्थान | हरदोई उत्तर प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
वो बालकनी वाली लड़की (संस्मरण), इनको शीश नवाओ, इनको जानो इन्हें मनाओ(बालगीत), खौलता मकरंद(गीत संग्रह), तन्हाईयाँ आबाद हैं(ग़ज़ल संग्रह), भोर विभोर(मुक्तक संग्रह), बज़ीर बादशाह(व्यंग संग्रह) | |
विविध | |
यश भारती (उत्तर प्रदेश सरकार का सर्वोच्च सम्मान), काका हाथरसी सम्मान, व्यंग शिरोमणि सम्मान, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का सोहनलाल द्विवेदी सम्मान, न्यू यार्क अमेरिका में सर्वाधिक लोकप्रिय हास्य कवि सम्मान, वाशिंगटन काउंसलेट द्वारा व्यंग शिरोमणि | |
जीवन परिचय | |
सर्वेश अस्थाना / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- प्रेम की है यज्ञ वेदी और तुम चन्दन / सर्वेश अस्थाना
- जग को आंख खोलकर देखा / सर्वेश अस्थाना
- दर्पण ने जब मुझको पढ़कर / सर्वेश अस्थाना
- जाने कितने संबोधन हैं / सर्वेश अस्थाना
- गहन प्रतीक्षा के वन में / सर्वेश अस्थाना
- आज शहर सूना सूना सा / सर्वेश अस्थाना
- तुम ही प्रश्न नही करते हो / सर्वेश अस्थाना
- तुम क्या जानो / सर्वेश अस्थाना
- दर्पण दर्पण तुम्हे उतारूं / सर्वेश अस्थाना
- तुम मिले हमको तो गुनगुना उठा समय / सर्वेश अस्थाना
- तुम्हे पता है? / सर्वेश अस्थाना
- इस ख़ुश्की के आलम में / सर्वेश अस्थाना
- बादलों ने जात दिखलाई / सर्वेश अस्थाना
- रो रहा सिसकारियां भर देश का फ्यूचर / सर्वेश अस्थाना
- याद बहुत आये / सर्वेश अस्थाना
- मित्र क्षेत्र में प्रेम क्षेत्र में युद्ध नहीं होता / सर्वेश अस्थाना
- कामना अब तो स्वयं ही / सर्वेश अस्थाना
- मित्र तुम्हारे जैसा मिलना / सर्वेश अस्थाना
- हृदय पर तो है प्रथम अंकन / सर्वेश अस्थाना
- कई प्रेमिकाएं हैं मेरे जीवन में / सर्वेश अस्थाना
- अब सभी कुछ छूट बैठा हैं / सर्वेश अस्थाना
- द्वार पर याचक खड़ा है दान दे दो / सर्वेश अस्थाना
- पंखुड़ियां गुलाब की हिलीं / सर्वेश अस्थाना
- बहुत अच्छी लग रही ये मुस्कुराती धूप / सर्वेश अस्थाना
- उड़ गए सब आंख के पंछी / सर्वेश अस्थाना
- गुमसुम है सारा संसार / सर्वेश अस्थाना
- प्रेम की खेती नही होती / सर्वेश अस्थाना
- गाँव ही तो हूँ सुनो / सर्वेश अस्थाना
- मैं पागल हूँ इसीलिए तुम / सर्वेश अस्थाना
- हमने मन के द्वारे द्वारे वंदनवार सजा रक्खे हैं / सर्वेश अस्थाना
- जब तक द्वार नही खुलता है / सर्वेश अस्थाना
- सौंप दूंगा मणिकर्णिका को देह अपनी / सर्वेश अस्थाना
- जीवन हुआ सिनेमाघर / सर्वेश अस्थाना
- ऐ हवाओं / सर्वेश अस्थाना