हम्में बबूल छी
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रचनाकार | दिनेश बाबा |
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प्रकाशक | अंगिका संसद, भागलपुर |
वर्ष | 2000 |
भाषा | अंगिका |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | 96 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- हम्में बबूल छी (कविता) / दिनेश बाबा
- जाबेॅ दहौ की करभौ / दिनेश बाबा
- खानाबदोश / दिनेश बाबा
- पानी बरसावोॅ नी / दिनेश बाबा
- कथिलेॅ / दिनेश बाबा
- पनरोॅ अगस्त छै / दिनेश बाबा
- कवि बनी जैभौं / दिनेश बाबा
- सब देखी लेॅ / दिनेश बाबा
- कारगिल शहीद के नाम / दिनेश बाबा
- ननद-भौजाय के गीत / दिनेश बाबा
- समय कठिन छौं / दिनेश बाबा
- कहिया चेततै / दिनेश बाबा
- कहिया जैवै हे सजना / दिनेश बाबा
- पांचाली / दिनेश बाबा
- आवोॅ नी सैलून बाबू / दिनेश बाबा
- गाँव / दिनेश बाबा
- मजदूर-किसान / दिनेश बाबा
- चार दिनन के जिनगानी में / दिनेश बाबा
- सौंसे जनम अकारथ भेलोॅ / दिनेश बाबा
- घिरि-घिरि आवै सरंगोॅ में बदरा / दिनेश बाबा
- बाबू फिकिर करै छोॅ कैहनें / दिनेश बाबा
- जहिया सें बीहा करी केॅ आनलक / दिनेश बाबा
- हंस बेचारा टौव्वावै छै / दिनेश बाबा
- जरा-जरा सन बात पर आबेॅ सवाल हुवेॅ लागलै / दिनेश बाबा
- पानी बिना पियासल धरती तरसी गेल छै / दिनेश बाबा
- जहाँ गरीबी में भी आबिहों आदमियत तेॅ जिंदा छै / दिनेश बाबा
- देखी दुनियां के चलन आज शरम लागै छै / दिनेश बाबा
- की मालूम के लुतरी हरदम लारी जाय छै / दिनेश बाबा
- रोज हम ऐसैं बुटैलोॅ जाय रहल छी / दिनेश बाबा
- मम्मी एक बहिन लानी दे / दिनेश बाबा