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आवाज़ इतनी पहचानी कि लगी अपनी / वंशी माहेश्वरी

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{{KKPustak |चित्र=-- |नाम=आवाज़ इतनी पहचानी कि लगी अपनी |रचनाकार=[[वंशी माहेश्वरी] |प्रकाशक= वाग्देवी प्रकाशन, सुगन निवास, चंदन सागर, बीकानेर-334001 |वर्ष= 1988 |भाषा=हिन्दी |विषय=-- कविताएँ |शैली=-- |पृष्ठ= 80 |ISBN=--81-85127-15-8 |विविध=-- }}