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दुख जोड़ेंगे हमें / ब्रजमोहन
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दुख जोड़ेंगे हमें
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रचनाकार | ब्रजमोहन |
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प्रकाशक | कामगार प्रकाशन, 546, भाई परमानन्द कालोनी, दिल्ली--110009 |
वर्ष | 1986 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | जनगीत |
पृष्ठ | 68 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- धर्म की चादर तान रे बन्दे / ब्रजमोहन
- लड़ते हुए सिपाही का गीत / ब्रजमोहन
- धरती से सोना उगाने वाले / ब्रजमोहन
- क़दम मिलाओ साथियो / ब्रजमोहन
- गाओ दुख का महागीत/ ब्रजमोहन
- गीत / ब्रजमोहन
- हाथ कुदाली रे / ब्रजमोहन
- हाथ हथौड़ा रे / ब्रजमोहन
- दमड़ी / ब्रजमोहन
- फिर बसन्त आया है / ब्रजमोहन
- गर्म हवाएँ / ब्रजमोहन
- हरिया खेतिहर की औरत / ब्रजमोहन
- ख़ाली पेट / ब्रजमोहन
- फुटपाथ बिछौने हैं / ब्रजमोहन
- आधा पेट पानी सूखी रोटियाँ / ब्रजमोहन
- आठ आने का सिक्का / ब्रजमोहन
- दोस्तो, हमारा एक-एक पल / ब्रजमोहन
- हम जियें या न जियें / ब्रजमोहन
- दुख के कितने पर्वत चढ़ने / ब्रजमोहन
- हड़ताल का गीत / ब्रजमोहन
- खाने को न देंगे / ब्रजमोहन
- गाँव-गाँव में / ब्रजमोहन
- फ़सलें देती हैं आवाज़ / ब्रजमोहन
- हई गई फ़सल जवान / ब्रजमोहन
- देखो रे सियार देखो / ब्रजमोहन
- मत पूछ रे मन की / ब्रजमोहन
- भैया से कहियो री भाभी / ब्रजमोहन
- अब के बरस री आए है घर में / ब्रजमोहन
- जैसे आई है घर में बहार / ब्रजमोहन
- आग लगी कैसे / ब्रजमोहन
- सर पे आसमान हो सुकून का / ब्रजमोहन
- इक खेत की फसल हैं / ब्रजमोहन
- दुख जोड़ेंगे हमें. / ब्रजमोहन
- ख़ूब तमाशा रे / ब्रजमोहन
- बूढ़ी माँ का गीत / ब्रजमोहन
- सबसे मुश्किल है / ब्रजमोहन
- आने वाले समय / ब्रजमोहन
- श्रम के दो हाथों पे / ब्रजमोहन
- अब दूर की हो या... / ब्रजमोहन
- सूरज हमारा होगा / ब्रजमोहन
- ज़िन्दगी बुला रही है / ब्रजमोहन
- छँट जाएँगे बादल काले-काले / ब्रजमोहन
- कैसे-कैसे दिन आए हैं / ब्रजमोहन
- राजा की बरात / ब्रजमोहन
- दुनिया में सबसे न्यारे / ब्रजमोहन
- बाबुल ब्याह हो जाएगा / ब्रजमोहन
- कर्जे हैं झूठे / ब्रजमोहन
- न लालच जनमता / ब्रजमोहन
- आएगी, अपनी सुबह आएगी / ब्रजमोहन
- बाढ़-अकाल बाढ़-अकाल / ब्रजमोहन
- अलविदा / ब्रजमोहन
- लहर-लहर नदिया लहरे / ब्रजमोहन
- तेरी लाठी का नाच / ब्रजमोहन
- शिकारी फैंके जाल / ब्रजमोहन
- युग बीते रे भैया / ब्रजमोहन
- आग पर गीत लिखे / ब्रजमोहन
- तुम्हारा प्यार मिला / ब्रजमोहन
- सुबह क़रीब है / ब्रजमोहन
- अभी हज़ार जंग बाक़ी है / ब्रजमोहन
- हम जीना चाहते हैं / ब्रजमोहन