भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
चित्र:General Book.png
Kavita Kosh से
General_Book.png (297 × 283 चित्रतत्व, संचिका का आकार: 19 KB, माइम प्रकार: image/png)
फ़ाइल का इतिहास
फ़ाइल पुराने समय में कैसी दिखती थी यह जानने के लिए वांछित दिनांक/समय पर क्लिक करें।
दिनांक/समय | अंगूठाकार प्रारूप | आकार | सदस्य | टिप्पणी | |
---|---|---|---|---|---|
सद्य | 14:08, 12 अगस्त 2009 | 297 × 283 (19 KB) | सम्यक (चर्चा | योगदान) |
- आप इस फ़ाइल को अधिलेखित नहीं कर सकते।
फ़ाइल का उपयोग
100 से अधिक पृष्ठ इस फ़ाइल से जुड़ते हैं। निम्नोक्त सूची फ़ाइल से जुड़ने वाले 100 पृष्ठ दिखाती है। पूरी सूची भी उपलब्ध है।
- अग्निरेखा / महादेवी वर्मा
- अधूरी चीज़ें तमाम / प्रयाग शुक्ल
- अपूर्वा / केदारनाथ अग्रवाल
- अबूतर कबूतर / उदय प्रकाश
- अबेकस / ऋतुराज
- अरघान / त्रिलोचन
- आँख हाथ बनते हुए / ज्ञानेन्द्रपति
- आँखों भर आकाश / निदा फ़ाज़ली
- आग का आईना / केदारनाथ अग्रवाल
- आसावरी / गोपालदास "नीरज"
- आहंग / मजाज़ लखनवी
- आहटें आसपास / पंकज सिंह
- इतने गुमान / सुदीप बनर्जी
- इसी दुनिया में / वीरेन डंगवाल
- उस जनपद का कवि हूँ / त्रिलोचन
- ऋतुसंहार / कालिदास
- एक पगली लड़की के बिन / कुमार विश्वास
- एक मरणधर्मा और अन्य / ऋतुराज
- एकान्त / नेमिचन्द्र जैन
- काका की फुलझड़ियाँ / काका हाथरसी
- कानन-कुसुम / जयशंकर प्रसाद
- काल और अवधि के दरमियान / विष्णु खरे
- काल तुझ से होड़ है मेरी / शमशेर बहादुर सिंह
- कितना थोड़ा वक़्त / ऋतुराज
- कुछ और कविताएँ / शमशेर बहादुर सिंह
- कुछ कविताएँ / शमशेर बहादुर सिंह
- कोई ख़तरा नहीं है / श्याम किशोर
- कोई नया समाचार / प्रेमरंजन अनिमेष
- ख़ुद अपनी आँख से / विष्णु खरे
- खूँटियों पर टँगे लोग / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
- गंगातट / ज्ञानेन्द्रपति
- गुंजन / सुमित्रानंदन पंत
- गुलाब और बुलबुल / त्रिलोचन
- घबराये हुए शब्द / लीलाधर जगूड़ी
- घर-निकासी / नीलेश रघुवंशी
- चन्द्र शेखर आजाद / श्रीकृष्ण सरल
- चाक पर रखी धरती / अक्षय उपाध्याय
- चीज़ें उपस्थित हैं / नीलाभ
- चीज़ों को देखकर / विश्वनाथप्रसाद तिवारी
- जहाँ रात गिरती है / मधु शर्मा
- जागते रहो सोने वालो / गोरख पाण्डेय
- जीने की कला / त्रिलोचन
- जो बीत रहा / राजेन्द्र शर्मा
- ताप के ताये हुए दिन / त्रिलोचन
- तुम्हे सौंपता हूँ / त्रिलोचन
- त्रिकाल संध्या / भवानीप्रसाद मिश्र
- दिगंत / त्रिलोचन
- दीपगीत / महादेवी वर्मा
- दीवारों पर ख़ून से / चन्द्रकान्त देवताले
- दुष्चक्र में सृष्टा / वीरेन डंगवाल
- दूसरा शख़्स / सादी युसुफ़
- देशान्तर / धर्मवीर भारती
- दोहावली / कबीर
- धरती जानती है / यहूदी आमिखाई
- धूप खिली थी और रिमझिम वर्षा / येव्गेनी येव्तुशेंको
- नीम रोशनी में / मदन कश्यप
- न्यौता और चुनौती / शैलेन्द्र
- परिमल / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- पहाड़ पर लालटेन / मंगलेश डबराल
- पिछला बाक़ी / विष्णु खरे
- प्रथम आयाम / महादेवी वर्मा
- फूल नहीं, रंग बोलते हैं-1 / केदारनाथ अग्रवाल
- फूल नाम है एक / त्रिलोचन
- बाँच रहा यादों का लेखा / बृजनारायण शर्मा
- बीस प्रेम कविताएँ और विषाद का एक गीत / पाब्लो नेरूदा
- बेहतर दुनिया के लिए / विश्वनाथप्रसाद तिवारी
- भगतसिंह / श्रीकृष्ण सरल
- भटका मेघ / श्रीकांत वर्मा
- भोले-भाले / अशोक चक्रधर
- माँ, बापू कब आएंगे / अनिल जनविजय
- माँ की मीठी आवाज़ / अनातोली परपरा
- माया दर्पण / श्रीकांत वर्मा
- मुश्किल से खुली एक खिड़की / गुन्नार एकिलोफ़
- मै एक दर्पण हूँ / किशोर काबरा
- मैं आंगिरस / ऋतुराज
- यह आवाज़ कभी सुनी क्या तुमने / अलेक्सान्दर पूश्किन
- यह कैसा मजाक है / मदन डागा
- रंग ख़तरे में हैं / कुमार विकल
- रोशनी के मैदान की तरफ़ / चन्द्रकान्त देवताले
- वंशी और मादल / ठाकुरप्रसाद सिंह
- शत्रु-शिविर तथा अन्य कविताएँ / अचल वाजपेयी
- शब-गश्त / सुदीप बनर्जी
- शब्द / त्रिलोचन
- शब्द लिखने के लिए ही यह कागज़ बना है / ज्ञानेन्द्रपति
- शोकनाच / आर. चेतनक्रांति
- संशयात्मा / ज्ञानेन्द्रपति
- सच पूछो तो / भगवत रावत
- सच सुने कई दिन हुए/ बद्रीनारायण
- सदी के शेष वर्ष / राजा खुगशाल
- सपने में एक औरत से बातचीत / विमल कुमार
- सब की आवाज़ के पर्दे में / विष्णु खरे
- समर निंद्य है / रामधारी सिंह "दिनकर"
- सवा नेज़े पे सूरज / अख़्तर नाज़्मी
- साथ चलते हुए / विश्वनाथप्रसाद तिवारी
- सामान की तलाश / असद ज़ैदी
- सूखे होंठों की प्यास / ओसिप मंदेलश्ताम
- हड्डियों में छिपा ज़्वर / चन्द्रकान्त देवताले
- हम जो देखते हैं / मंगलेश डबराल
- हरी घास पर क्षण भर / अज्ञेय
- हाल-बेहाल / भारत यायावर