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'उनवान' चिश्ती
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'उनवान' चिश्ती
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जन्म | |
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जीवन परिचय | |
'उनवान' चिश्ती / परिचय |
ग़ज़लें
- दिल का हर ज़ख़्म मोहब्बत का निशाँ हो जैसे / 'उनवान' चिश्ती
- हुस्न से आँख लड़ी हो जैसे / 'उनवान' चिश्ती
- इश्क़ फिर इश्क़ है आशुफ़्ता-सरी माँगे हैं / 'उनवान' चिश्ती
- जब ज़ुल्फ़ शरीर हो गई है / 'उनवान' चिश्ती
- जल्वों के बाँक-पन में न रानाइयों में है / 'उनवान' चिश्ती
- जीने का तेरे ग़म ने सलीक़ा सिखा दिया / 'उनवान' चिश्ती
- कहते हैं अज़ल जिस को उस से भी कहीं पहले / 'उनवान' चिश्ती
- किसी के फ़ैज़-ए-कुर्ब से हयात अब सँवर गई / 'उनवान' चिश्ती
- कितनी कशिश है हुस्न की इस धूप छाँव में / 'उनवान' चिश्ती
- कोई नग़मा है न ख़ुश-बू है न रानाई है / 'उनवान' चिश्ती
- क्या क्या हैं एजाज़ ग़ज़ल के / 'उनवान' चिश्ती
- मिरे शानों पे उन की ज़ुल्फ़ लहराई तो क्या होगा / 'उनवान' चिश्ती
- नज़र की चोट अब दिल पर अयाँ मालूम होती है / 'उनवान' चिश्ती
- रहने दे तकलीफ़-ए-तवज्जोह दिल को है आराम बहुत / 'उनवान' चिश्ती
- वो हादसे भी दहर में हम पर गुज़र गए / 'उनवान' चिश्ती
- वो मुस्कुरा के मोहब्बत से जब भी मिलते हैं / 'उनवान' चिश्ती