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कविता "किरण"
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कविता "किरण"
जन्म | 17 सितम्बर 1968 |
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उपनाम | किरण |
जन्म स्थान | उज्जैन, मध्य प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
दर्द का सफ़र (गज़ल संग्रह), तुम कहते हो तो (कविता संग्रह), चुपके-चुपके (लघु कविताएँ), तूफ़ानों में जलते दीपक (बाल-गीत संग्रह), तुम्हीं कुछ कहो ना! (हिन्दी गज़लें) | |
विविध | |
हिन्दी अकादमी, (दिल्ली)से सम्मानित | |
जीवन परिचय | |
कविता "किरण" / परिचय |
ग़ज़लें
- है समंदर को सफीना कर लिया / कविता किरण
- निकला करो इधर से भी होकर कभी कभी / कविता किरण
- गर सारे परिंदों को / कविता किरण
- अजनबी अपना ही साया हो गया है / कविता किरण
- गैर को ही पर सुनाये तो सही / कविता किरण
- रिश्ते / कविता किरण
- नए साल की तरह / कविता किरण
- व्यर्थ नहीं हूँ मैं / कविता किरण
- दिल पे कोई नशा न तारी हो / कविता किरण
- चांद धरती पे उतरता कब है / कविता किरण
- ये सोच के हम भीगे / कविता किरण
- लो समंदर को सफ़ीना कर लिया / कविता किरण
- रेत पर घर बना लिया मैंने / कविता किरण
- नामुमकिन को मुमकिन करने निकले हैं / कविता किरण
- मैं नहीं हिमकण हूँ जो गल जाऊंगी / कविता किरण
- दोस्ती किस तरह निभाते हैं / कविता किरण
- ज़िन्दगी को इक नया-सा मोड़ दे / कविता किरण
- चैन हासिल कहीं नहीं होता / कविता किरण
- आँख मेरी फिर सजल होने को है / कविता किरण
- गुज़रो न बस क़रीब से ख़याल की तरह / कविता किरण
- मोम के जिस्म जब पिघलते हैं / कविता किरण
- बहुत है ख़ामोशी तुम्ही कुछ कहो ना / कविता किरण
- अजनबी अपना ही साया हो गया है / कविता किरण
- ख़्वाब आते रहे ख़्वाब जाते रहे / कविता किरण
- अब के रख लो लाज हमारी बाबूजी / कविता किरण
- अजनबी अपना ही साया हो गया है / कविता किरण
- जिंदगी को जुबान दे देंगे / कविता किरण
- वापस न लौटने की ख़बर छोड़ गए हो / कविता किरण
- धूप है, बरसात है, और हाथ में छाता नहीं / कविता किरण
- ज़ुल्फ़ जब खुल के बिखरती है मेरे शाने पर / कविता किरण
- आईना रोज़ संवरता कब है / कविता किरण
- ज़ख्म ऐसा जिसे खाने को मचल जाओगे / कविता किरण
- डूबना तेरे ख्यालों में भला लगता है / कविता किरण
- बात छोटी है मगर सादा नहीं / कविता किरण
- मेरी बातों में इक अदा तो है / कविता किरण
- जिसकी आँखों में सिर्फ पानी है / कविता किरण
- मुहब्बत का ज़माना आ गया / कविता किरण
- बेवफा बावफा हुआ कैसे / कविता किरण
- मुकद्दर से न अब शिकवा करेंगे / कविता किरण
- सितारे टूटकर गिरना हमें अच्छा नहीं लगता / कविता किरण
- मिलता नहीं है कोई भी गमख्वार की तरह / कविता किरण
- मत समझिये कि मैं औरत हूँ / कविता किरण
- उस दिन के लिए तैयार रहना / कविता किरण