भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अंगिका विवाह (परिछन) गीत
Kavita Kosh से
- बसहा चढ़ल सिब आयल पाहुन / अंगिका लोकगीत
- कथि लै मनायनी माघ नहाबल / अंगिका लोकगीत
- धीरे धीरे लै चलिऔन, राम के अँगनमा हे / अंगिका लोकगीत
- एक मूठी ऊँच छथिन, सिया के दुलहबा हे / अंगिका लोकगीत
- हथिया ऐलै पियासल हे बाबा / अंगिका लोकगीत
- साजि लेल्हाँ डालबा, नेसी लेल्हाँ दीप / अंगिका लोकगीत
- डेढ़िया चाँपहूँ दौ रे / अंगिका लोकगीत
- अमुआ मजरी गेल महुआ मजरल गे सजनी / अंगिका लोकगीत
- अगे माय, छोटी मोटी ददिया सास / अंगिका लोकगीत
- कै सै हाथी आबै, कै सै लोग / अंगिका लोकगीत
- सोने के दौरिया लिहले, जनक रिसि ठाढ़ हे / अंगिका लोकगीत