धूप का रंग आज काला है

क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार | अमर पंकज |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- धूप का रंग आज काला है (ग़ज़ल) / अमर पंकज
- देख लें ज़िन्दगी अब दिखाती है क्या / अमर पंकज
- कोई दिलकश नज़ारा ढूँढता हूँ / अमर पंकज
- तराना ये दिल का अनूठा फ़साना / अमर पंकज
- तुम्हारे सितम की हदें जानता हूँ / अमर पंकज
- जो चिलचिलाती दोपहर की धूप से यारी करे / अमर पंकज
- हर जगह मैं ढूँढता हूँ पर नहीं दिखता है गाँव / अमर पंकज
- अपने पुरखों ने पाई थी लड़ मर कर जो आज़ादी / अमर पंकज
- यहाँ इस भीड़ में भी मैं कभी तन्हा नहीं होता / अमर पंकज
- क़ैद करने चला है हवाओं को वो / अमर पंकज