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महेश अश्क
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जन्म | |
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कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
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जीवन परिचय | |
महेश अश्क / परिचय |
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- यहीं एक प्यास थी, जो खो गई है / महेश अश्क
- अब तक का इतिहास यही है, उगते हैं कट जाते हैं / महेश अश्क
- न मेरा जिस्म कहीं औ' न मेरी जाँ रख दे / महेश अश्क
- गर सफर में निकल नहीं आते / महेश अश्क
- नहीं था, तो यही पैसा नहीं था / महेश अश्क
- मस्खरे तलवार लेकर आ गए / महेश अश्क
- खिलौने तोड़ते, पर तितलियों के नोचते बच्चे/ महेश अश्क
- तमाशा आँख को भाता बहुत है / महेश अश्क