भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"'अना' क़ासमी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) |
|||
(5 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 20 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|चित्र='अना' क़ासमी.jpg | |चित्र='अना' क़ासमी.jpg | ||
|नाम=मौलाना हारून 'अना' क़ासमी | |नाम=मौलाना हारून 'अना' क़ासमी | ||
− | |उपनाम= | + | |उपनाम=अना |
|जन्म=28 फ़रवरी 1966 | |जन्म=28 फ़रवरी 1966 | ||
|जन्मस्थान=छतरपुर, मध्य प्रदेश, भारत। | |जन्मस्थान=छतरपुर, मध्य प्रदेश, भारत। | ||
− | |कृतियाँ=हवाओं के साज़ पर (ग़ज़ल-संग्रह) | + | |कृतियाँ=[[हवाओं के साज़ पर/ 'अना' कासमी|हवाओं के साज़ पर]] (ग़ज़ल-संग्रह) |
+ | [[मीठी सी चुभन/ 'अना' कासमी|मीठी सी चुभन]] (ग़ज़ल-संग्रह) | ||
|विविध= | |विविध= | ||
|जीवनी=[['अना' क़ासमी / परिचय]] | |जीवनी=[['अना' क़ासमी / परिचय]] | ||
}} | }} | ||
{{KKShayar}} | {{KKShayar}} | ||
− | + | {{KKCatMadhyaPradesh}} | |
+ | ====ग़ज़ल संग्रह==== | ||
+ | *'''[[हवाओं के साज़ पर/ 'अना' कासमी]]''' | ||
+ | *'''[[मीठी सी चुभन/ 'अना' कासमी]]''' | ||
+ | ====ग़ज़लें==== | ||
+ | * [[आराइशे-खुर्शीदो-क़मर किसके लिए है / 'अना' क़ासमी]] | ||
+ | * [[जाने क्या दुश्मनी है शाम के साथ / 'अना' क़ासमी]] | ||
+ | * [[आप इस छोटे से फ़ितने को जवां होने तो दो / 'अना' क़ासमी]] | ||
+ | * [[मेरा खूने-जिगर होने को है फिर / 'अना' क़ासमी]] | ||
+ | * [[उल्फ़त का फिर मन है बाबा / 'अना' क़ासमी]] | ||
+ | * [[फ़न तलाशे है दहकते हुए जज़्बात का रंग / 'अना' क़ासमी]] | ||
+ | * [[अक्सर मिलना ऐसा हुआ बस / 'अना' क़ासमी]] | ||
+ | * [[अब हलो हाय में ही बात हुआ करती है / 'अना' क़ासमी]] | ||
+ | * [[तेरी इन आंखों के इशारे पागल हैं / 'अना' क़ासमी]] | ||
+ | * [[चलो जाओ ,हटो कर लो तुम्हें जो वार करना है / 'अना' क़ासमी]] | ||
+ | * [[बर्थ पर लेट के हम सो गये आसानी से / 'अना' क़ासमी]] | ||
* [[हमारे बस का नहीं है मौला ये रोज़े-महशर हिसाब देना / 'अना' क़ासमी]] | * [[हमारे बस का नहीं है मौला ये रोज़े-महशर हिसाब देना / 'अना' क़ासमी]] | ||
* [[बचा ही क्या है हयात में अब सुनहरे दिन तो निपट गये हैं / 'अना' क़ासमी]] | * [[बचा ही क्या है हयात में अब सुनहरे दिन तो निपट गये हैं / 'अना' क़ासमी]] | ||
पंक्ति 37: | पंक्ति 53: | ||
* [[छू जाए दिल को ऐसा कोई फ़न अभी कहाँ / 'अना' क़ासमी]] | * [[छू जाए दिल को ऐसा कोई फ़न अभी कहाँ / 'अना' क़ासमी]] | ||
* [[जो ज़बाँ से लगती है वो कभी नहीं जाती / 'अना' क़ासमी]] | * [[जो ज़बाँ से लगती है वो कभी नहीं जाती / 'अना' क़ासमी]] | ||
− | * [[ / 'अना' क़ासमी]] | + | * [[रोज़ चिकचिक में सर खपायें क्या / 'अना' क़ासमी]] |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + |
12:36, 28 अगस्त 2014 के समय का अवतरण
मौलाना हारून 'अना' क़ासमी
जन्म | 28 फ़रवरी 1966 |
---|---|
उपनाम | अना |
जन्म स्थान | छतरपुर, मध्य प्रदेश, भारत। |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
हवाओं के साज़ पर (ग़ज़ल-संग्रह)
मीठी सी चुभन (ग़ज़ल-संग्रह) | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
'अना' क़ासमी / परिचय |
ग़ज़ल संग्रह
ग़ज़लें
- आराइशे-खुर्शीदो-क़मर किसके लिए है / 'अना' क़ासमी
- जाने क्या दुश्मनी है शाम के साथ / 'अना' क़ासमी
- आप इस छोटे से फ़ितने को जवां होने तो दो / 'अना' क़ासमी
- मेरा खूने-जिगर होने को है फिर / 'अना' क़ासमी
- उल्फ़त का फिर मन है बाबा / 'अना' क़ासमी
- फ़न तलाशे है दहकते हुए जज़्बात का रंग / 'अना' क़ासमी
- अक्सर मिलना ऐसा हुआ बस / 'अना' क़ासमी
- अब हलो हाय में ही बात हुआ करती है / 'अना' क़ासमी
- तेरी इन आंखों के इशारे पागल हैं / 'अना' क़ासमी
- चलो जाओ ,हटो कर लो तुम्हें जो वार करना है / 'अना' क़ासमी
- बर्थ पर लेट के हम सो गये आसानी से / 'अना' क़ासमी
- हमारे बस का नहीं है मौला ये रोज़े-महशर हिसाब देना / 'अना' क़ासमी
- बचा ही क्या है हयात में अब सुनहरे दिन तो निपट गये हैं / 'अना' क़ासमी
- वो अभी पूरा नहीं था हाँ मगर अच्छा लगा / 'अना' क़ासमी
- कभी हाँ कुछ, मेरे भी शेर पैकर में रहते हैं / 'अना' क़ासमी
- माने जो कोई बात, तो इक बात बहुत है / 'अना' क़ासमी
- बहुत वीरान लगता है, तिरी चिलमन का सन्नाटा / 'अना' क़ासमी
- ये फ़ासले भी, सात समन्दर से कम नहीं / 'अना' क़ासमी
- कभी वो शोख़ मेरे दिल की अंजुमन तक आए / 'अना' क़ासमी
- ख़बर है दोनों को दोनों से दिल लगाऊँ मैं / 'अना' क़ासमी
- यूँ इस दिले नादाँ से रिश्तों का भरम टूटा / 'अना' क़ासमी
- ये अपना मिलन जैसे इक शाम का मंज़र है / 'अना' क़ासमी
- दिल की हर धड़कन है बत्तिस मील में / 'अना' क़ासमी
- खैंची लबों ने आह कि सीने पे आया हाथ / 'अना' क़ासमी
- ये मक़ामे इश्क़ है कौनसा, कि मिज़ाज सारे बदल गए / 'अना' क़ासमी
- उससे कहना कि कमाई के न चक्कर में रहे / 'अना' क़ासमी
- पैसा तो खुशामद में, मेरे यार बहुत है / 'अना' क़ासमी
- उसको नम्बर देके मेरी और उलझन बढ़ गई / 'अना' क़ासमी
- बचा ही क्या है हयात में अब सुनहरे दिन तो निपट गए हैं / 'अना' क़ासमी
- उस क़ादरे-मुतलक़ से बग़ावत भी बहुत की / 'अना' क़ासमी
- फ़न तलाशे है दहकते हुए जज़्बात का रंग / 'अना' क़ासमी
- कैसा रिश्ता है इस मकान के साथ / 'अना' क़ासमी
- कुछ चलेगा जनाब, कुछ भी नहीं / 'अना' क़ासमी
- ये शबे-अख़्तरो-क़मर चुप है / 'अना' क़ासमी
- छू जाए दिल को ऐसा कोई फ़न अभी कहाँ / 'अना' क़ासमी
- जो ज़बाँ से लगती है वो कभी नहीं जाती / 'अना' क़ासमी
- रोज़ चिकचिक में सर खपायें क्या / 'अना' क़ासमी