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* [[लाख चलिये सर बचाकर, फायदा कुछ भी नहीं/ कुमार विनोद]] | * [[लाख चलिये सर बचाकर, फायदा कुछ भी नहीं/ कुमार विनोद]] | ||
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* [[एक सम्मोहन लिए हर बात में / कुमार विनोद]] | * [[एक सम्मोहन लिए हर बात में / कुमार विनोद]] | ||
* [[राग मज़हब का सुनाना आ गया / कुमार विनोद]] | * [[राग मज़हब का सुनाना आ गया / कुमार विनोद]] | ||
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+ | * [[बर्फ़ हो जाना किसी तपते हुए अहसास का / कुमार विनोद]] | ||
+ | * [[मौज दरिया की मेरे हक़ में नहीं तो क्या हुआ / कुमार विनोद]] |
10:30, 3 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण
कुमार विनोद
जन्म | 04 जून 1966 |
---|---|
जन्म स्थान | कुरुक्षेत्र, हरियाणा |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
बेरंग हैं सब तितलियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
कुमार विनोद / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- कभी लिखता नहीं दरिया, फ़क़त कहता ज़बानी है / कुमार विनोद
- लाख चलिये सर बचाकर, फायदा कुछ भी नहीं/ कुमार विनोद
- सब कुछ होते हुए भी थोडी बेचैनी है / कुमार विनोद
- धुंध में लिपटा हुआ साया कोई / कुमार विनोद
- जीवन है इक दौड़ सभी हम भाग रहे हैं / कुमार विनोद
- हर तरफ है भीड़ फिर भी आदमी तनहा हुआ / कुमार विनोद
- सब सिंहासन डोलेंगे / कुमार विनोद
- सब आंखों का तारा बच्चा / कुमार विनोद
- बच्चा सच्ची बात लिखेगा / कुमार विनोद
- एक सम्मोहन लिए हर बात में / कुमार विनोद
- राग मज़हब का सुनाना आ गया / कुमार विनोद
- तल्ख़ियाँ सारी फ़ज़ा में घोलकर / कुमार विनोद
- एक सम्मोहन लिए हर बात में / कुमार विनोद
- बर्फ़ हो जाना किसी तपते हुए अहसास का / कुमार विनोद
- मौज दरिया की मेरे हक़ में नहीं तो क्या हुआ / कुमार विनोद