भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"ग़ालिब" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
					
										
					
					Aadil rasheed  (चर्चा | योगदान)  | 
				Kumar mukul  (चर्चा | योगदान)   | 
				||
| (5 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 23 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
| पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}}  | {{KKGlobal}}  | ||
{{KKParichay  | {{KKParichay  | ||
| − | |चित्र=  | + | |चित्र=Mirza-ghalib-kavitakosh.jpg  | 
|नाम=मिर्ज़ा असदुल्लाह खाँ 'ग़ालिब'  | |नाम=मिर्ज़ा असदुल्लाह खाँ 'ग़ालिब'  | ||
|उपनाम=ग़ालिब, असद  | |उपनाम=ग़ालिब, असद  | ||
| − | |जन्म=27   | + | |जन्म=27 दिसम्बर 1797  | 
|जन्मस्थान=आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत  | |जन्मस्थान=आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत  | ||
|मृत्यु=15 फ़रवरी 1869  | |मृत्यु=15 फ़रवरी 1869  | ||
| − | |कृतियाँ=दीवाने-ग़ालिब  | + | |कृतियाँ=[[दीवाने-ग़ालिब / ग़ालिब | दीवाने-ग़ालिब]]  | 
| − | |विविध=उर्दू शायरी में ग़ालिब को बाबा-ए-सुख़न का मक़ाम हासिल   | + | |विविध=उर्दू शायरी में ग़ालिब को बाबा-ए-सुख़न का मक़ाम हासिल है।  | 
| − | |अंग्रेज़ीनाम=Mirza Asadullah Khan Galib, Gaalib, Ghalib, Asad  | + | |अंग्रेज़ीनाम=Mirza Asadullah Khan Galib, Gaalib, Ghalib, Asad  | 
|जीवनी=[[ग़ालिब / परिचय]]  | |जीवनी=[[ग़ालिब / परिचय]]  | ||
|shorturl=ghalib  | |shorturl=ghalib  | ||
}}  | }}  | ||
{{KKShayar}}  | {{KKShayar}}  | ||
| − | * '''[[दीवाने-ग़ालिब / ग़ालिब]]'''   | + | {{KKCatUttarPradesh}}  | 
| − | + | ====दीवान====  | |
| − | * [[  | + | * '''[[दीवाने-ग़ालिब / ग़ालिब]]'''  | 
| + | ====ग़ालिब की कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ====  | ||
| + | * [[अज़ मेहर ता-ब-ज़र्रा दिल-ओ-दिल है आइना / ग़ालिब]]  | ||
* [[अपना अहवाल-ए-दिल-ए-ज़ार कहूँ / ग़ालिब]]  | * [[अपना अहवाल-ए-दिल-ए-ज़ार कहूँ / ग़ालिब]]  | ||
| − | * [[  | + | * [[अफ़सोस कि दनदां का किया रिज़क़ फ़लक ने / ग़ालिब]]  | 
| − | * [[है   | + | * [['असद' हम वो जुनूँ-जौलाँ गदा-ए-बे-सर-ओ-पा हैं / ग़ालिब]]  | 
| + | * [[आ कि मेरी जान को क़रार नहीं है/ ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[आमद-ए-सैलाब-ए-तूफ़न-ए सदाए आब है / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[आमों की तारीफ़ में / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[उग रहा है दर-ओ-दीवार से सबज़ा ग़ालिब / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[क़यामत है कि सुन लैला का दश्त-ए-क़ैस में आना / ग़ालिब]]  | ||
* [[कलकत्ते का जो ज़िक्र किया तूने हमनशीं / ग़ालिब]]  | * [[कलकत्ते का जो ज़िक्र किया तूने हमनशीं / ग़ालिब]]  | ||
| − | * [[  | + | * [[कहते तो हो तुम सब कि बुत-ए-ग़ालिया-मू आए / ग़ालिब]]  | 
| − | * [[  | + | * [[कार-गाह-ए-हस्ती में लाला दाग़-सामाँ है / ग़ालिब]]  | 
| + | * [[कोह के हों बार-ए-ख़ातिर गर सदा हो जाइये / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[क्या तंग हम सितमज़दगां का जहान है / ग़ालिब]]  | ||
* [[ख़ुश हो ऐ बख़्त कि है आज तेरे सर सेहरा / ग़ालिब]]  | * [[ख़ुश हो ऐ बख़्त कि है आज तेरे सर सेहरा / ग़ालिब]]  | ||
| − | * [[  | + | * [[गर तुझ को है यक़ीन-ए-इजाबत दुआ न माँग / ग़ालिब]]  | 
| − | * [[  | + | * [[गरम-ए-फ़रयाद रखा शक्ल-ए-निहाली ने मुझे / ग़ालिब]]  | 
| − | * [[  | + | * [[गुलशन में बंदोबस्त ब-रंग-ए-दिगर है आज / ग़ालिब]]  | 
| − | * [[  | + | * [[घर में था क्या कि तिरा ग़म उसे ग़ारत करता / ग़ालिब]]  | 
| − | * [[  | + | * [[चशम-ए-ख़ूबां ख़ामुशी में भी नवा-परदाज़ है / ग़ालिब]]  | 
| + | * [[जब तक दहान-ए-ज़ख़्म न पैदा करे कोई / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[ज़-बस-कि मश्क़-ए-तमाशा जुनूँ-अलामत है / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[ज़माना सख़्त कम-आज़ार है ब-जान-ए-असद / ग़ालिब]]  | ||
* [[ज़हर-ए-ग़म कर चुका था मेरा काम / ग़ालिब]]  | * [[ज़हर-ए-ग़म कर चुका था मेरा काम / ग़ालिब]]  | ||
| − | * [[  | + | * [[जादा-ए-रह ख़ुर को वक़्त-ए-शाम है तार-ए-शुआ / ग़ालिब]]  | 
| − | * [[तुम   | + | * [[ज़िंदगी अपनी जब इस शक्ल से गुज़री 'ग़ालिब' / ग़ालिब]]  | 
| − | * [[तुम   | + | * [[जुनूँ की दस्त-गीरी किस से हो गर हो न उर्यानी / ग़ालिब]]  | 
| − | * [[  | + | * [[तपिश से मेरी वक़्फ़-ए-कशमकश हर तार-ए-बिस्तर है / ग़ालिब]]  | 
| + | * [[ता हम को शिकायत की भी बाक़ी न रहे जा / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[तुम अपने शिकवे की बातें न खोद खोद के पूछो / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[तुम न आए तो क्या सहर न हुई / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[तेरे वादे पर जिये हम / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[दिल लगा कर लग गया उन को भी तनहा बैठना / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[देख कर दर-पर्दा गर्म-ए-दामन-अफ़्शानी मुझे / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[न लेवे गर ख़स-ए-जौहर तरावत सबज़-ए-ख़त से / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[नफ़स न अंजुमन-ए-आरज़ू से बाहर खींच / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[नवेदे-अम्न है बेदादे दोस्त जाँ के लिए / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[नश्शा-हा शादाब-ए-रंग ओ साज़-हा मस्त-ए-तरब / ग़ालिब]]  | ||
* [[नुक्तह-चीं है ग़म-ए दिल उस को सुनाए न बने/ ग़ालिब]]  | * [[नुक्तह-चीं है ग़म-ए दिल उस को सुनाए न बने/ ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[पीनस में गुज़रते हैं जो कूचे से वह मेरे / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[फ़ारिग़ मुझे न जान कि मानिंद-ए-सुब्ह-ओ-मेहर / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[फिर मुझे दीदा-ए-तर याद आया/ ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[फिर हुआ वक़्त कि हो बाल कुशा मौजे-शराब / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[फुटकर  शेर / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[ब-नाला हासिल-ए-दिल-बस्तगी फ़राहम कर / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[बर्शकाल-ए-गिर्या-ए-आशिक़ है देखा चाहिए / ग़ालिब]]  | ||
* [[बाद मरने के मेरे घर से यह सामाँ निकला / ग़ालिब]]  | * [[बाद मरने के मेरे घर से यह सामाँ निकला / ग़ालिब]]  | ||
| − | |||
* [[बिजली इक कौंद गयी आँखों के आगे तो क्या / ग़ालिब]]  | * [[बिजली इक कौंद गयी आँखों के आगे तो क्या / ग़ालिब]]  | ||
| − | + | * [[बीम-ए-रक़ीब से नहीं करते विदा-ए-होश / ग़ालिब]]  | |
| − | *   | + | * [[मस्ती ब-ज़ौक़-ए-ग़फ़लत-ए-साक़ी हलाक है / ग़ालिब]]  | 
| − | + | * [[मुँद गईं खोलते ही खोलते आँखें 'ग़ालिब' / ग़ालिब]]  | |
| − | * [[  | + | * [[मुझ को दयार-ए-ग़ैर में मारा वतन से दूर / ग़ालिब]]  | 
| − | * [[  | + | * [[ये हम जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं / ग़ालिब]]  | 
| + | * [[रफ़्तार-ए-उम्र क़त-ए-रह-ए-इज़्तिराब है / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[रहा गर कोई ता क़यामत सलामत / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[लब-ए-ईसा की जुम्बिश करती है गहवारा-जम्बानी / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[लूँ वाम बख़्त-ए-ख़ुफ़्ता से यक-ख़्वाब-ए-खुश वले / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[लो हम मरीज़-ए-इश्क़ के बीमार-दार हैं / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[वह शब-ओ-रोज़-ओ-माह-ओ-साल कहां / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[वह हर एक बात पर कहना कि यों होता तो क्या होता / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[वां उस को हौल-ए-दिल है तो यां मैं हूं शरम-सार / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[वुसअत-स-ईए-करम देख कि सर-ता-सर-ए-ख़ाक / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[शुमार-ए सुबह मरग़ूब-ए बुत-ए-मुश्किल पसंद आया / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[सफ़ा-ए-हैरत-ए-आईना है सामान-ए-ज़ंग आख़िर / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[सितम-कश मस्लहत से हूँ कि ख़ूबाँ तुझ पे आशिक़ हैं / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[सियाहि जैसे गिर जावे दम-ए-तहरीर काग़ज़ पर / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है/ ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[हर क़दम दूरी-ए-मंज़िल है नुमायाँ मुझसे/ ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[हरीफ़-ए-मतलब-ए-मुशकिल नहीं फ़ुसून-ए-नियाज़ / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[हासिल से हाथ धो बैठ ऐ आरज़ू-ख़िरामी / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[हुजूम-ए-नाला हैरत आजिज़-ए-अर्ज़-ए-यक-अफ़्ग़ँ है / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[हुज़ूर-ए-शाह में अहल-ए-सुख़न की आज़माइश है / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[हुश्न-ए-बेपरवा ख़रीदार-ए-मता-ए-जलवा है / ग़ालिब]]  | ||
| + | * [[है बज़्म-ए-बुतां में सुख़न आज़ुर्दा लबों से / ग़ालिब]]  | ||
11:27, 17 सितम्बर 2018 के समय का अवतरण
मिर्ज़ा असदुल्लाह खाँ 'ग़ालिब'
www.kavitakosh.org/ghalib
www.kavitakosh.org/ghalib

| जन्म | 27 दिसम्बर 1797 | 
|---|---|
| निधन | 15 फ़रवरी 1869 | 
| उपनाम | ग़ालिब, असद | 
| जन्म स्थान | आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत | 
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| दीवाने-ग़ालिब | |
| विविध | |
| उर्दू शायरी में ग़ालिब को बाबा-ए-सुख़न का मक़ाम हासिल है। | |
| जीवन परिचय | |
| ग़ालिब / परिचय | |
| कविता कोश पता | |
| www.kavitakosh.org/ghalib | |
दीवान
ग़ालिब की कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- अज़ मेहर ता-ब-ज़र्रा दिल-ओ-दिल है आइना / ग़ालिब
 - अपना अहवाल-ए-दिल-ए-ज़ार कहूँ / ग़ालिब
 - अफ़सोस कि दनदां का किया रिज़क़ फ़लक ने / ग़ालिब
 - 'असद' हम वो जुनूँ-जौलाँ गदा-ए-बे-सर-ओ-पा हैं / ग़ालिब
 - आ कि मेरी जान को क़रार नहीं है/ ग़ालिब
 - आमद-ए-सैलाब-ए-तूफ़न-ए सदाए आब है / ग़ालिब
 - आमों की तारीफ़ में / ग़ालिब
 - उग रहा है दर-ओ-दीवार से सबज़ा ग़ालिब / ग़ालिब
 - क़यामत है कि सुन लैला का दश्त-ए-क़ैस में आना / ग़ालिब
 - कलकत्ते का जो ज़िक्र किया तूने हमनशीं / ग़ालिब
 - कहते तो हो तुम सब कि बुत-ए-ग़ालिया-मू आए / ग़ालिब
 - कार-गाह-ए-हस्ती में लाला दाग़-सामाँ है / ग़ालिब
 - कोह के हों बार-ए-ख़ातिर गर सदा हो जाइये / ग़ालिब
 - क्या तंग हम सितमज़दगां का जहान है / ग़ालिब
 - ख़ुश हो ऐ बख़्त कि है आज तेरे सर सेहरा / ग़ालिब
 - गर तुझ को है यक़ीन-ए-इजाबत दुआ न माँग / ग़ालिब
 - गरम-ए-फ़रयाद रखा शक्ल-ए-निहाली ने मुझे / ग़ालिब
 - गुलशन में बंदोबस्त ब-रंग-ए-दिगर है आज / ग़ालिब
 - घर में था क्या कि तिरा ग़म उसे ग़ारत करता / ग़ालिब
 - चशम-ए-ख़ूबां ख़ामुशी में भी नवा-परदाज़ है / ग़ालिब
 - जब तक दहान-ए-ज़ख़्म न पैदा करे कोई / ग़ालिब
 - ज़-बस-कि मश्क़-ए-तमाशा जुनूँ-अलामत है / ग़ालिब
 - ज़माना सख़्त कम-आज़ार है ब-जान-ए-असद / ग़ालिब
 - ज़हर-ए-ग़म कर चुका था मेरा काम / ग़ालिब
 - जादा-ए-रह ख़ुर को वक़्त-ए-शाम है तार-ए-शुआ / ग़ालिब
 - ज़िंदगी अपनी जब इस शक्ल से गुज़री 'ग़ालिब' / ग़ालिब
 - जुनूँ की दस्त-गीरी किस से हो गर हो न उर्यानी / ग़ालिब
 - तपिश से मेरी वक़्फ़-ए-कशमकश हर तार-ए-बिस्तर है / ग़ालिब
 - ता हम को शिकायत की भी बाक़ी न रहे जा / ग़ालिब
 - तुम अपने शिकवे की बातें न खोद खोद के पूछो / ग़ालिब
 - तुम न आए तो क्या सहर न हुई / ग़ालिब
 - तेरे वादे पर जिये हम / ग़ालिब
 - दिल लगा कर लग गया उन को भी तनहा बैठना / ग़ालिब
 - देख कर दर-पर्दा गर्म-ए-दामन-अफ़्शानी मुझे / ग़ालिब
 - न लेवे गर ख़स-ए-जौहर तरावत सबज़-ए-ख़त से / ग़ालिब
 - नफ़स न अंजुमन-ए-आरज़ू से बाहर खींच / ग़ालिब
 - नवेदे-अम्न है बेदादे दोस्त जाँ के लिए / ग़ालिब
 - नश्शा-हा शादाब-ए-रंग ओ साज़-हा मस्त-ए-तरब / ग़ालिब
 - नुक्तह-चीं है ग़म-ए दिल उस को सुनाए न बने/ ग़ालिब
 - पीनस में गुज़रते हैं जो कूचे से वह मेरे / ग़ालिब
 - फ़ारिग़ मुझे न जान कि मानिंद-ए-सुब्ह-ओ-मेहर / ग़ालिब
 - फिर मुझे दीदा-ए-तर याद आया/ ग़ालिब
 - फिर हुआ वक़्त कि हो बाल कुशा मौजे-शराब / ग़ालिब
 - फुटकर शेर / ग़ालिब
 - ब-नाला हासिल-ए-दिल-बस्तगी फ़राहम कर / ग़ालिब
 - बर्शकाल-ए-गिर्या-ए-आशिक़ है देखा चाहिए / ग़ालिब
 - बाद मरने के मेरे घर से यह सामाँ निकला / ग़ालिब
 - बिजली इक कौंद गयी आँखों के आगे तो क्या / ग़ालिब
 - बीम-ए-रक़ीब से नहीं करते विदा-ए-होश / ग़ालिब
 - मस्ती ब-ज़ौक़-ए-ग़फ़लत-ए-साक़ी हलाक है / ग़ालिब
 - मुँद गईं खोलते ही खोलते आँखें 'ग़ालिब' / ग़ालिब
 - मुझ को दयार-ए-ग़ैर में मारा वतन से दूर / ग़ालिब
 - ये हम जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं / ग़ालिब
 - रफ़्तार-ए-उम्र क़त-ए-रह-ए-इज़्तिराब है / ग़ालिब
 - रहा गर कोई ता क़यामत सलामत / ग़ालिब
 - लब-ए-ईसा की जुम्बिश करती है गहवारा-जम्बानी / ग़ालिब
 - लूँ वाम बख़्त-ए-ख़ुफ़्ता से यक-ख़्वाब-ए-खुश वले / ग़ालिब
 - लो हम मरीज़-ए-इश्क़ के बीमार-दार हैं / ग़ालिब
 - वह शब-ओ-रोज़-ओ-माह-ओ-साल कहां / ग़ालिब
 - वह हर एक बात पर कहना कि यों होता तो क्या होता / ग़ालिब
 - वां उस को हौल-ए-दिल है तो यां मैं हूं शरम-सार / ग़ालिब
 - वुसअत-स-ईए-करम देख कि सर-ता-सर-ए-ख़ाक / ग़ालिब
 - शुमार-ए सुबह मरग़ूब-ए बुत-ए-मुश्किल पसंद आया / ग़ालिब
 - सफ़ा-ए-हैरत-ए-आईना है सामान-ए-ज़ंग आख़िर / ग़ालिब
 - सितम-कश मस्लहत से हूँ कि ख़ूबाँ तुझ पे आशिक़ हैं / ग़ालिब
 - सियाहि जैसे गिर जावे दम-ए-तहरीर काग़ज़ पर / ग़ालिब
 - हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है/ ग़ालिब
 - हर क़दम दूरी-ए-मंज़िल है नुमायाँ मुझसे/ ग़ालिब
 - हरीफ़-ए-मतलब-ए-मुशकिल नहीं फ़ुसून-ए-नियाज़ / ग़ालिब
 - हासिल से हाथ धो बैठ ऐ आरज़ू-ख़िरामी / ग़ालिब
 - हुजूम-ए-नाला हैरत आजिज़-ए-अर्ज़-ए-यक-अफ़्ग़ँ है / ग़ालिब
 - हुज़ूर-ए-शाह में अहल-ए-सुख़न की आज़माइश है / ग़ालिब
 - हुश्न-ए-बेपरवा ख़रीदार-ए-मता-ए-जलवा है / ग़ालिब
 - है बज़्म-ए-बुतां में सुख़न आज़ुर्दा लबों से / ग़ालिब
 
	
	